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PM modi speech on abhidhamma divas our responsibility to keep lord buddha message alive pali language

PM Modi Abhidhamma Divas Speech: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की है कि सरकार पाली भाषा और इसमें लिखे गए पवित्र ग्रंथों, बुद्ध की शिक्षाओं के संरक्षण और विकास के लिए कई पहल की शुरू करने वाली है. अंतरराष्ट्रीय अभिधम्म दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते पीएम मोदी ने कहा, “पाली वह भाषा थी, जिसमें अभिधम्म दिवस के दिन भगवान बुद्ध की शिक्षाएं व्यक्त की गई थीं और अब इस भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया गया है.”

‘बुद्ध के संदेश को जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी’

पीएम मोदी ने कहा, “धम्म को समझने के लिए पाली सबसे अहम है. एक भाषा केवल संचार का तरीका नहीं है, बल्कि एक सभ्यता, उसकी संस्कृति, उसकी विरासत की आत्मा है. पाली को जीवित रखना और इसके माध्यम से बुद्ध के संदेश को जीवित रखना हमारी जिम्मेदारी है.”

उन्होंने यह भी कहा, “आजादी से पहले सदियों के औपनिवेशिक शासन और आक्रमणकारियों ने भारत की पहचान को मिटाने की कोशिश की और गुलाम मानसिकता वाले लोगों ने हमारी आजादी के बाद ऐसा किया. तब इको सिस्टम ने भारत को उसकी विरासत से दूर कर दिया था और भारत बहुत पीछे छूट गया था. भारत सरकार भारत की बौद्ध विरासत को पुनर्जीवित करने के लिए सभी प्रयास कर रही है. पिछले कुछ सालों में, हम 600 से अधिक कलाकृतियां भारत वापस लाए हैं, जिनमें से अधिकांश बौद्ध वस्तुएं थीं.”

युवाओं को अपनी संस्कृति पर गर्व करना चाहिए

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “हम ऐप्स, डिजिटलीकरण के माध्यम से पाली को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे हैं. पाली को समझने के लिए शैक्षणिक और आध्यात्मिक दोनों प्रयासों की आवश्यकता है. विद्वानों और शिक्षाविदों को बुद्ध धर्म को समझने में लोगों का मार्गदर्शन करना चाहिए. बुद्ध की विरासत के पुनरुद्धार में भारत अपनी पहचान को फिर से गढ़ रहा है.” उन्होंने देश के युवाओं के लिए भी एक शब्द कहा कि भारत में युवाओं को न केवल विज्ञान और प्रौद्योगिकी में दुनिया का नेतृत्व करना चाहिए, बल्कि उन्हें अपनी संस्कृति, मूल्यों और जड़ों पर भी गर्व होना चाहिए.

केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अभिधम्म दिवस को न केवल बुद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए, बल्कि पूरी मानवता के लिए एक बहुत महत्वपूर्ण दिन बताया. उन्होंने कहा कि यह दिन शांति, समृद्धि और सद्भाव से भरा जीवन जीने के आह्वान का प्रतीक है. उन्होंने कहा कि पाली भाषा का ज्ञान बौद्ध शिक्षाओं और ग्रंथों के तुलनात्मक अध्ययन की क्षमता को बढ़ाएगा.

केंद्र सरकार ने 3 अक्तूबर 2024 को  पाली भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा दिया. इसके साथ ही मराठी, प्राकृत, असमिया और बंगाली को भी शास्त्रीय भाषा का दर्जा दियाा गया था. इंटरनेशनल अभिधम्म दिवस दुनियाभर में मनाया जाता है. यह अभिधम्म की शिक्षा देने के बाद भगवान बुद्ध के दिव्य लोक से अवतरण की याद में मनाया जाता है. इसे बौद्ध धर्म की विरासत को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए भी मनाया जाता है. 

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