CM योगी का बृज को तोहफा, बनेगा सप्त देवालय सर्किट अप्रोच मार्ग; जानें कितनी होगी लंबाई

उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से ब्रज को अधिक बढ़ावा देने के लिए विजन 2030 के अंतर्गत कई कार्य किया जा रहे हैं, जिसमें ठाकुर बांके बिहारी कॉरिडोर तो शामिल है ही. साथ ही वृंदावन के सप्त देवालयों के समीप भी कार्य किया जाएगा, जिसमें कई योजनाएं शामिल हैं. ब्रज विकास के लिए 100 विकास परियोजनाएं के अंतर्गत वृंदावन में कॉरिडोर के आसपास लगभग डेढ़ किलोमीटर एरिया में हरिद्वार में राम की पौड़ी के पैटर्न पर कृष्णा पौड़ी का विकास होगा.
साथ ही सप्त देवालयों के समीप सर्किट के एप्रोच मार्ग का भी कार्य किया जाएगा, जिससे श्रद्धालुओं को दर्शन करने में सुविधा प्राप्त हो और इस योजना के अंतर्गत मथुरा वृंदावन परिक्रमा मार्ग का सौंदर्य करण और रिवर फ्रंट का कार्य भी किया जाएगा. वृंदावन के सप्त देवालय जो की काफी प्राचीन स्थल है इन मंदिरों में वृंदावन के राधा रमन मंदिर, मदन मोहन मंदिर, गोकुल आनंद मंदिर, राधा दामोदर मंदिर, श्याम सुंदर मंदिर, गोविंद देव मंदिर और गोपीनाथ देव मंदिर आदि आते हैं.
कम हुआ प्रचार-प्रसार
इन सभी मंदिरों की अपनी-अपनी प्राचीनता और महत्ता है. यह मंदिर वृंदावन की प्राचीनता को दर्शाते हैं और धरोहर को सहेजे हुए हैं. इन मंदिरों में श्रद्धालु तो आते हैं, लेकिन बांके बिहारी मंदिर और इस्कॉन मंदिर में आने श्रद्धालुओं की तरह नहीं आते. इन मंदिरों का प्रचार-प्रसार कम हुआ और स्थानीय लोगों का आरोप है कि सरकार ने भी इन पर कम ध्यान दिया. हालांकि, अब कॉरिडोर के साथ-साथ इन मंदिरों पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
18 करोड़ की लागत से बनेगा सर्किट एप्रोच मार्ग
जिसको लेकर योजना भी पास की गई है. वहीं इन मंदिरों की ओर श्रद्धालुओं का आवागमन ज्यादा हो इसको लेकर उत्तर प्रदेश ब्रज तीर्थ विकास परिषद द्वारा योजना लागू की गई है, जिसमें 18 करोड़ की लागत आएगी. इस योजना में सर्किट एप्रोच मार्ग बनाया जाएगा, जो की इन मंदिरों को जोड़ेगा और श्रद्धालु आसानी से मंदिरों तक जा सकेंगे और मंदिरों का दर्शन कर आनंद ले सकेंगे. सर्किट एप्रोच मार्ग सीधा बांके बिहारी कॉरिडोर से भी जुड़ा रहेगा, जिसकी लंबाई कुल तीन किलोमीटर होगी. अब देखना यह है कि आने वाले समय में कॉरिडोर का कार्य के साथ-साथ अन्य मंदिरों के कार्य कब तक शुरू होंगे.