Chinmoy Krishna Das Case Chattogram Sessions Judge Says bring local Lawyer for anticipatory bail not High Court Advocate | हिंदू नेता चिन्मय कृष्ण दास की बेल पर बांग्लादेश कर रहा ‘खेला’! जज बोला

Chinmoy Krishna Das Case: बांग्लादेश में इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास के मामले में अब तो कोर्ट भी खेला करती नजर आ रही है. बांग्लादेश के चटगांव स्थित मेट्रोपॉलिटन सेशन कोर्ट के जज मोहम्मद सैफुल इस्लाम ने गुरुवार (12 दिसंबर, 2024) को हाई कोर्ट के सीनियर वकील रवींद्र घोष से कहा कि वे मामले में चटगांव से एक वकील ढूंढ़ें, जो पूर्व इस्कॉन नेता चिन्मय कृष्ण दास की ओर से सुनवाई करने के लिए उनके साथ खड़ा हो, जिसके बाद रवींद्र घोष ने स्थानीय वकील सुमित आचार्य को नियुक्त किया. इतना ही नहीं कोर्ट की ओर से जमानत के लिए वकालतनामे की भी मांग की गई है.
इसके बाद बुधवार (11 दिसंबर, 2024) को जज ने रवींद्र घोष की ओर से आवेदन पेश करने के बाद चिन्मय दास के लिए अग्रिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया, यह कहते हुए कि वकील के पास अदालत में चिन्मय का प्रतिनिधित्व करने के लिए वकालतनामा (पावर ऑफ अटॉर्नी) नहीं है.
‘पहले से बेहतर हुआ कोर्ट का माहौल’
चिन्मय कृष्ण दास के वकील रवींद्र घोष ने बीते रोज (11 दिसंबर, 2024) कहा, “अदालत ने आज स्वीकार किया है कि वह मेरे (चिन्मय कृष्ण दास के) मामले की सुनवाई करेगी. मैं यहां चिन्मय के वकीलों की सहायता करने आया हूं. वे लोग सुरक्षा कारणों से यहां आने से डर रहे हैं, लेकिन हमें उम्मीद है कि कुछ अच्छा होगा. आज-कल अदालत में माहौल कल से बहुत बेहतर हुआ है.
‘नहीं सुनी गई मेरी बात क्योंकि…’
डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, हाई कोर्ट के सीनियर वकील ने डेली स्टार से कहा, “बुधवार को कोर्ट ने दूसरे वकीलों के कारण मेरी बात नहीं सुनी क्योंकि मेरे पास वकालतनामा नहीं था. मैंने जेल से चिन्मय दास से वकालतनामा मंगवाया और उसे जमा कर दिया. कोर्ट ने जमानत की सुनवाई की तारीख आगे बढ़ाने के मामले को स्वीकार कर लिया है. वह मेरी बात सुनेंगे और मुझे एक स्थानीय वकील को अपने साथ ले जाने को कहा है. मेरे साथ स्थानीय वकील सुमित आचार्य हैं.” इस दौरान रवींद्र घोष को सुरक्षा प्रदान करने वाली कई पुलिस टीमों के साथ देखा गया.
यह भी पढ़ें- Bangladesh: मोहम्मद यूनुस बनने चले थे ‘फायर’, निकले ‘फ्लावर’! अब इस मामले में भारत के सामने झुके