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CBI अफसर बन रिटायर्ड नेवी अधिकारी को धमकाया, फिर 98 लाख रुपये ठगे; सीतापुर के ठग की कहानी

CBI अफसर बन रिटायर्ड नेवी अधिकारी को धमकाया, फिर 98 लाख रुपये ठगे; सीतापुर के ठग की कहानी

पुलिस की गिरफ्त में गिरोह के सदस्य (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश के वाराणसी में साइबर ठगी करने वाले अंतर्राष्ट्रीय गिरोह के सरगना समेत नौ आरोपियों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है. इस गिरोह ने हाल ही में एक रिटायर्ड नेवी अधिकारी से 98 लाख रुपये की साइबर ठगी की थी.

गिरफ्तार किए गए आरोपियों में सीतापुर का संदीप कुमार, जो इस गिरोह का सरगना और मास्टर माइंड बताया जा रहा है, के अलावा अन्य आठ सदस्य शामिल हैं. इन आरोपियों के कब्जे से पुलिस ने भारी मात्रा में मोबाइल, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड, लैपटॉप, टैबलेट और 7,51,860 रुपये बरामद किए हैं. इस मामले में पीड़ित ने सारनाथ थाने में शिकायत दर्ज कराई थी.

खुद को बताया था सीबीआई अधिकारी

साइबर ठगों के इस गिरोह ने खुद को फर्जी ट्राई और सीबीआई अधिकारी के रूप में पेश कर रिटायर्ड नेवी अधिकारी को फंसाया. उन्हें यह बताया कि उनके नाम पर फर्जी सिम जारी की गई हैं और उनके खाते का उपयोग अवैध गतिविधियों में हो रहा है. इसके बाद, इन अपराधियों ने डिजिटल अरेस्ट का झांसा देकर पीड़ित के बैंक खातों से 98 लाख रुपये ट्रांसफर करवा लिए.

आरोपियों की पहचान

साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरोह के सरगना संदीप कुमार को गिरफ्तार किया है, जो सीतापुर के रामकोटी गौशालापुरवा का निवासी है. इसके अलावा, चंदौली, मिर्जापुर, वाराणसी, जौनपुर और सीतापुर के अन्य आरोपी भी गिरफ्तार किए गए हैं. पुलिस ने गिरोह के कब्जे से दो लग्जरी कार, 14 मोबाइल फोन, लैपटॉप, डेबिट कार्ड, सिम कार्ड और ठगी के 7.51 लाख रुपये बरामद किए हैं.

कंबोडिया सहित कई देशों से जुड़े हुए तार

साइबर पुलिस ने बताया कि यह गिरोह वैश्विक स्तर पर साइबर ठगी करता था, और इसके सदस्य कंबोडिया सहित कई देशों से जुड़े हुए थे. आरोपियों का तरीका था कि वे फर्जी सिम और म्यूल बैंक खातों का उपयोग करते थे और डिजिटल फुटप्रिंट से बचने के लिए वर्चुअल मशीनों का इस्तेमाल करते थे.

गिरोह का मास्टरमाइंड संदीप कुमार था, जिसे खाड़ी देशों में बैठे जालसाजों द्वारा यूपी में इस गिरोह की कमान सौंपी गई थी. संदीप ने कई बेरोजगार युवाओं और छात्रों को इस गिरोह से जोड़ा, जिन्हें महंगे होटलों में सेमिनार आयोजित करके अपने नेटवर्क में शामिल किया जाता था.

इस मामले में पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है और उनका कनेक्शन कई अंतर्राष्ट्रीय साइबर अपराधियों से होने का दावा किया है.



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