Canadian PM Justin Trudeau attitude towards India softened said return of Modi government is big opportunity for talks | India-Canada Relations: भारत के प्रति ट्रूडो का रुख हुआ नरम, मोदी सरकार की वापसी पर कहा

India-Canada Relations: लंबे समय के बाद कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो का भारत के प्रति नरम रुख नजर आया है. ट्रूडो ने कहा है कि भारत में नरेंद्र मोदी का दोबारा चुना जाना उन्हें कई ‘गंभीर और बड़े’ मुद्दों पर बातचीत करने का अवसर देता है. खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या की सालगिरह की पूर्व संध्या पर ट्रूडो ने सीबीसी न्यूज के साथ बातचीत की है.
सीबीसी न्यूज से ट्रूडो ने कहा, ‘अब भारत में चुनाव संपन्न हो गया है, तो मुझे लगता है कि हमारे लिए बातचीत करने का अवसर है. इस दौरान राष्ट्रीय सुरक्षा और कनाडाई लोगों को सुरक्षित रखने और कानून के शासन से जुड़े कुछ बहुत गंभीर मुद्दे भी शामिल हैं.’ ट्रूडो और मोदी की मुलाकात हाल ही में इटली में आयोजित जी-7 शिखर सम्मेलन के दौरान हुई थी, जहां भारत को आउटरीच पार्टनर के रूप में आमंत्रित किया गया था.
ट्रूडो ने कहा, ‘मुझे लगता है कि शिखर सम्मेलनों की सबसे अच्छी बात यह है कि आपको विभिन्न नेताओं के साथ सीधे बातचीत करने का अवसर मिलता है, जिनके साथ विभिन्न मुद्दे होते हैं.’ उन्होंने कहा, निश्चित रूप से भारत के साथ हमारे व्यापक और महत्वपूर्ण आर्थिक संबंध हैं. ट्रूडो ने कहा भारत के साथ हमारे कई बड़े मुद्दों पर सहमति है. हालांकि, पिछले साल 18 सितंबर को हाउस ऑफ कॉमन्स में ट्रूडो ने भारत पर गंभीर आरोप लगाए थे. इसदौरान उन्होंने भारतीय एजेंटो के जरिए खालिस्तानी समर्थकों की हत्या की बात कही थी.
ट्रूडो अपना रहे नरम रुख
बीते शुक्रवार को इटली में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान भी जस्टिन ट्रूडो ने नरम लहजा अपनाया था. इटली में हुई बैठक के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने यह नहीं बताया कि निज्जर मामला या कनाडा में भारत द्वारा कथित विदेशी हस्तक्षेप का मुद्दा उठाया गया या नहीं. उन्होंने कहा, ‘हमें दुनिया भर के विभिन्न भागीदारों के साथ बातचीत जारी रखने की जरूरत है.’ भारत में नरेंद्र मोदी के दोबारा चुने जाने पर कनाडा के प्रधानमंत्री कार्यालय ने उन्हें शुभकामनाएं दी थी.
जी20 में शामिल हुए थे ट्रूडो
इसके अलावा पिछले साल सितंबर में नई दिल्ली में आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन में खुद जस्टिन ट्रूडो शामिल हुए थे. बाद में पता चला कि ट्रूडो ने उस बातचीत के दौरान निज्जर की हत्या का मुद्दा उठाया था. उस समय भारत के विदेश मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया था कि रिश्ते की प्रगति के लिए ‘पारस्परिक सम्मान और विश्वास’ आवश्यक है.