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Gautam Buddha Amritwani in Hindi: कहा जाता है कि गौतम बुद्ध का जन्म 563 ई. पू. में कपिलवस्तु के लुम्बिनी में हुआ था. वर्तमान में यह स्थान नेपाल में है. बुद्ध ने महज 29 साल की उम्र में ही घर-गृहस्थी का त्याग कर दिया और दिव्य ज्ञान की खोज में निकल पड़े. बुद्ध ने दुनियाभर में लोगों के बीच अहिंसा, शांति, प्रेम, सद्भावना और त्याग का संदेश देकर समाज में फैली कुरीतियों को दूर करने का प्रयास किया.

कौन थे महात्मा गौतम बुद्ध

महात्मा बुद्ध राजा शुद्धोधन के बेटे थे, जोकि शाक्य गणराज्य के राजा थे. बुद्ध की माता का नाम मायादेवी थी. जन्म के समय माता-पिता ने बुद्ध का नाम राकुमार सिद्धार्थ रखा था. बुद्ध बचपन से ही शांत और गंभीर स्वभाव के थे. वे अपना अधिकांश समय एकांत में बैठने और चिंतन करने में बिताते थे. राजकुमार होने के बावजूद भी सांसारिक सुखों में उनकी कोई रूचि नहीं थी. जैसे-जैसे बुद्ध बड़े होने लगे उनकी सांसारिक रूचि भी खत्म होने लगी.

गौतम बुद्ध की शिक्षा

गौतम बुद्ध की प्रारंभिक शिक्षा राजमहल में ही हुई. लेकिन जब वे थोड़े बड़े हुए तो पिता ने उन्हें शिक्षा प्राप्त करने के लिए गुरु विश्वामित्र के पास भेजा. बुद्ध ने गुरु विश्वामित्र से वेद और उपनिषदों की शिक्षा ग्रहण की. धीरे-धीरे वे एक आदर्श शिष्य बन गए.

गौतम बुद्ध का विवाह

कुछ समय बाद बुद्ध का विवाह कोलीय वंश के राजा सुप्पबुद्ध की बेटी यशोधरा से हुआ. बुद्ध और यशोधरा का एक पुत्र भी हुआ, जिसका नाम राहुल था. लेकिन विवाह के बाद भी बुद्ध का वैराग्य भाव बढ़ता जा रहा था और सांसारिक सुखों के प्रति उनकी रुचि खत्म हो रही थी. इस तरह एक दिन बुद्ध अपनी पत्नी और बेटे को छोड़कर चुपचाप जंगल की ओर चले गए.

क्या था बुद्ध के गृह त्याग का कारण

बुद्ध अपनी आत्मा से जुड़ना चाहते थे. वे दिव्य ज्ञान की खोज में थे. इसलिए उन्हें घर, परिवार, संपत्ति या किसी अन्य वस्तु से कोई जुड़ाव नहीं था.  क्योंकि इन चीजों में उन्हें आध्यात्मिक आनंद नहीं मिलता था. बुद्ध अपने मन में चल रहे कई प्रश्नों का उत्तर ढूंढने के लिए बोधि वृक्ष के नीचे बैठकर तपस्या करने लगे और 6 साल बाद उन्हें पूर्ण और दिव्य ज्ञान की प्राप्ति हुई. इस तरह से वे राजकुमार सिद्धार्थ गौतम से महात्मा गौतम बुद्ध बन गए.

 ये भी पढ़ें: Buddha Amritwani: गौतम बुद्ध का सबसे प्रिय शिष्य कौन था, जिसे उन्होंने बताया ‘शीलगंध’ का ये रहस्य

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