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Blast In Space: अंतरिक्ष का सबसे गर्म विस्फोट! पड़ोसी आकाशगंगा में फूटा तारा, 30 लाख डिग्री सेल्सियस पहुंचा तापमान


<p style="text-align: justify;"><strong>Blast In Space:</strong> अंतरिक्ष में एक भयानक विस्फोट दर्ज किया गया है. हमारी आकाशगंगा के पास स्थित एक अन्य आकाशगंगा में यह धमाका हुआ. धमाका इतना जोरदार था कि वहां का तापमान 30 लाख डिग्री तक पहुंच गया. वैज्ञानिकों ने टेलीस्कोप की मदद से इस धमाके पर स्टडी की.</p>
<p style="text-align: justify;">हमारी आकाशगंगा ‘मिल्की वे’ के पास ही एक छोटी आकाशगंगा है, जिसे लार्ज मैगेलैनिक क्लाउड (LMC) नाम दिया गया है. यह आकाशगंगा एक उपग्रह की तरह हमारी ‘मिल्की-वे’ का चक्कर लगाती रहती है. इसी आकाशगंगा के एक तारे में यह विस्फोट नजर आया है. इस विस्फोट को अंतरिक्ष पर शुरू हुई स्टडी के बाद से अब तक का सबसे गर्म विस्फोट माना जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;">जिस तारे में यह विस्फोट देखा गया है, वैज्ञानिकों ने उसे LMCN 1968-12a नाम दिया है. इस तारे में पहले भी कई बार विस्फोट देखा गया है. दरअसल, LMC एक बौनी आकाशगंगा है, जहां धातुओं की कमी है. ऐसे में यहां के छोटे तारे अपने साथी बड़े तारे से गैस खींचते हैं. LMCN 1968-12a भी यही करता है.&nbsp; यही कारण है कि इसमें विस्फोट होता रहता है. पिछले साल भी इसी तारे में एक बड़ा विस्फोट दर्ज किया गया था. हालांकि इस बार का विस्फोट सबसे ज्यादा भीषण बताया जा रहा है.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>गर्मी और दबाव बढ़ने से विस्फोट</strong><br />इस तरह के तारे जब धीरे-धीरे पड़ोसी साथी तारे से गैस लेते रहते हैं तो एक डिस्क बनने लगती है, जिसके चलते तारे में गर्मी और दबाव बढ़ने लगता है. जब यह तापमान एक निश्चित सीमा के पार हो जाता है, तो हाइड्रोजन फ्यूजन शुरू होता है और फिर एक थर्मोन्यूक्लियर विस्फोट हो जाता है. इस विस्फोट को कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक देखा जा सकता है. बता दें कि ऐसे विस्फोटों के बाद भी यह तारा नष्ट नहीं होता.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>56 साल पहले खोजा गया था यह तारा</strong><br />इस तारे को साल 1968 में खोजा गया था. यही कारण है कि इसका नाम LMCN 1968-12a रखा गया. साल 1990 से लगातार इस तारे में विस्फोट को रिकॉर्ड किया गया है. चिली स्थित मैगेलन बाडे टेलीस्कोप और जेमिनी साउथ टेलीस्कोप से इस तारे और इसकी गैलेक्सी पर लगातार स्टडी होती रही है. वैज्ञानिकों ने इस बार जो विस्फोट देखा, उसमें यह पाया कि विस्फोट के दौरान तारे में सिलिकॉन (Silicon) जबरदस्त इंटेंसिटी के साथ मौजूद था. अन्य धातुएं गायब थी. इसीलिए यह विस्फोट ज्यादा भीषण और गर्म रहा.</p>

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