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Bangladesh Muhammad Yunus Govt to Continue Import Diesel Despite tension India Numaligarh Refinery

Bangladesh-India Tension: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के नेतृत्व में देश का हाल बेहाल हो चुका हैं. बांग्लादेश आए दिन किसी न किसी देश से मदद मांग रहा है. कभी वह भारत से आलू मांगता है तो कभी डीजल की मांग करता है. हाल ही में यूनुस सरकार म्यांमार से 22000 हजार टन चावल की मांग की थी. पिछली भारत ने भी बांग्लादेश को बासमती चावल दिया था.

इसक अलावा भारत और बांग्लादेश के बीच राजनयिक और सीमा विवाद को लेकर तनाव के बीच बांग्लादेश पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन (बीपीसी) ने भारत की नुमालीगढ़ रिफाइनरी लिमिटेड (एनआरएल) से 130,000 मीट्रिक टन डीजल आयात करने का फैसला किया है. अहसान तस्नीम की रिपोर्ट के अनुसार, रविवार (12 जनवरी 2025) को बीपीसी के निदेशक मंडल की बैठक में इस संबंध में निर्णय को मंजूरी दी गई. बांग्लादेश भारत से आयात ऐसे वक्त में कर रहा है जब वह भारत पर लगातार कई आरोप लगाता रहा है.

पहले भी मदद कर चुका है भारत

बीपीसी सूत्रों ने बताया कि इस साल जनवरी से दिसंबर के बीच इस डीजल का आयात किया जाएगा और इसकी लागत 1,137 करोड़ बांग्लादेशी टका होगी. इस साल बीपीसी की रिफाइंड ईंधन तेल की मांग 7.4 मिलियन मीट्रिक टन है. इसमें से 4.6 मिलियन टन डीजल है, जिसका 80% सीधे आयात किया जाता है. बाकी स्थानीय रिफाइनरियों से उपलब्ध है. बीपीसी नियमित रूप से एनआरएल से रिफाइंड ईंधन तेल का आयात करती है. यह तेल जनवरी 2016 से ट्रेन से आ रहा है. इससे पहले, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने घरेलू मांग को पूरा करने के लिए भारत से 50,000 टन गैर-बासमती चावल आयात करने का फैसला किया था.

भारत-बांग्लादेश में तनाव 

बांग्लादेश में 5 अगस्त 2024 को तख्तापलट होने के बाद से भारत और बांग्लादेश के बीच रिश्ते तल्खी भरे रहे हैं. तख्तापलट के बाद वहां हिंदुओं पर हमले हुए जिसका भारत ने कड़े शब्दों में निंदा की. इसके अलावा यूनुस सरकार लगातार भारत पर दवाब बनाने की कोशिश कर रही है कि वह अपदस्थ प्रधानमंत्री को वापस बांग्लादेश भेज दें.

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