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Bahraich Violence: बहराइच के रहने वाले बाबा सिद्दीकी के हत्यारे शूटर, वहीं पर भड़की हिंसा… दोनों में क्या कनेक्शन?

Bahraich Violence: बहराइच के रहने वाले बाबा सिद्दीकी के हत्यारे शूटर, वहीं पर भड़की हिंसा... दोनों में क्या कनेक्शन?

यूपी के बहराइच जिले में भड़की हिंसा.

12 अक्टूबर को मुंबई में हुए एक शूटआउट ने देशभर को हिला दिया. ये शूटआउट किसी ऐसे-वैसे व्यक्ति का भी नहीं था, बल्कि पॉलिटिक्स और बॉलीवुड के कॉकटेल बाबा सिद्दीकी का था. बाबा सिद्दीकी को मारने वाले तीन शूटरों में दो शूटर यूपी के बहराइच जिले के कैसरगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले थे. जैसे ही मीडिया को इसकी जानकारी हुई, मीडिया की टीमें शूटरों के घर पहुंचने लगीं. अचानक से रविवार रात हरदी थाना क्षेत्र के महसी इलाके में मूर्ति विर्सजन के दौरान हिंसा भड़क गई. हरदी और कैसरगंज की दूरी 56 किलोमीटर है. ऐसे में सवाल उठने लगा कि क्या मुंबई में हुई वारदात और बहराइच में हुए उपद्रव का कोई कनेक्शन है?

बाबा सिद्दीकी की शनिवार को अपने बेटे के दफ्तर के बाहर गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में 5 आरोपियों का नाम सामने आया है, हालांकि गोली चलाने वाले जो तीन आरोपी थे, उनमें से दो बहराइच के रहने वाले हैं, जिनके नामधर्मराज कश्यप और शिवकुमार उर्फ शिव गौतम है. मुंबई पुलिस ने इन दोनों में से धर्मराज कश्यप को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि शिवकुमार गौतम अभी फरार है.

क्यों हो रही कनेक्शन की बात?

बाबा सिद्दीकी मुंबई के एक बड़े नेता थे. वह पूर्व मंत्री और पूर्व विधायक रह चुके थे. उनके बेटे जीशान सिद्दीकी इस समय विधायक हैं. यूपी से सटे बिहार से भी उनका नाता था. बिहार के गोपालगंज जिले में उनका घर है. चूंकि बाबा सिद्दीकी का मर्डर करने वाले यूपी के बहराइच जिले के थे. जैसे ही इसकी जानकारी मीडिया को हुई तो आनन-फानन में मीडिया की टीमें गंडारा गांव पहुंचने लगीं. शूटरों के परिजनों से उनके बारे में जानकारी जुटाने लगीं, इसी बीच विसर्जन के दौरान हिंंसा भड़क गई.

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आरोपियों के घर से 56 किमी दूर हुई हिंसा

ये हिंसा कैसरगंज थाना क्षेत्र के गंडारा गांव से 56 किलोमीटर दूर स्थित हरदी थाना क्षेत्र के महसी इलाके में भड़की. एक रामगोपाल मिश्रा नाम के एक व्यक्ति की इस हिंसा में मौत भी हो गई. हालात इतने बेकाबू हो गए कि राजधानी लखनऊ से पुलिस के आला अधिकारियों को भेजना पड़ा. आगजनी और तोड़फोड़ से महसी इलाके में दहशत के माहौल व्याप्त हो गए. आला अधिकारियों के समझाने-बुझाने पर भी उपद्रवी नहीं मानें और जमकर आगजनी और तोड़फोड़ करने लगे.

हत्या के दूसरे दिन ही क्यों भड़की बहराइच में हिंसा?

अब सवाल ये खड़ा होने लगा कि क्या ये हिंसा कोई सुनियोजित साजिश थी? दरअसल ऐसा सीधे-सीधे तो नहीं कहा जा सकता कि दोनों ही घटनाओं का प्रत्यक्ष तौर पर कोई कनेक्शन था, लेकिन सोशल मीडिया पर इस घटना को जरूर आपस में जोड़ा गया. इसका कारण ये था कि बाबा सिद्दीकी के शूटर्स में दो आरोपियों के बहराइच का होने की वजह से पहले ही जिला सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहा था, इसी बीच विजर्सन के दौरान हिंसा भड़क गई. इसके बाद हिंंसा का मामला भी सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगा.

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