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दिल्ली में किसानों का बड़ा आंदोलन, कहां हैं राकेश टिकैत? | farmers protest Delhi Chalo’ march Rakesh tikait stand bhartiya kisan union

दिल्ली में किसानों का बड़ा आंदोलन, कहां हैं राकेश टिकैत?

भारतीय किसान यूनियन के
प्रवक्ता राकेश टिकैत

भारत सरकार के मान-मनौव्वल के बावजूद भी किसान संगठन नहीं माने और वे अब दिल्ली की तरफ बढ़ रहे हैं. केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा, कॉमर्स मिनिस्टर और राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने दो दफा किसानों से मिलकर उनकी मांगों को समझने की कोशिश की मगर एमएसपी और कर्जमाफी पर कुछ ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर बातचीच बेनतीजा रही. आखिरकार, किसानों ने दिल्ली कूच का ऐलान कर दिया.

किसानों की कोशिश होगी कि वह 2020 ही के आंदोलन की तरह इस बार आंदोलन को उस मकाम पर पहुंचा दें ताकि सरकार को पिछली बार ही की तरह उनकी मांगो के आगे झुकना पड़े. बहरहाल, इस प्रदर्शन में एक शख्स जो फिलहाल नहीं दिख रहें, वह हैं राकेश टिकैत. टिकैत पिछले किसान आंदोलन की पहचान बन गए थे. सवाल है कि इस बार टिकैत कहां हैं और क्या प्लान कर रहे हैं.

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राकेश टिकैत की प्लानिंग!

राकेश टिकैत भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता हैं. टिकैत भले इस आंदोलन में न नजर आर रहे हों मगर उन्होंने एक और आंदोलन की हुंकार भर रखी है. टिकैत ने कहा है कि 16 फरवरी को उनकी ‘किसान संयुक्त मोर्चा’ पूरे देश में प्रदर्शन करेगी और चक्का जाम कर देगी. टिकेैत के संगठन और उनसे जुड़े किसानों की आगे की रणनीति क्या है, यह भी टिकैत 16 फरवरी ही को बताएंगे.

टिकैत का आखिरी ट्वीट

राकेश टिकैत के ट्विटर हैंडल को अगर खंगाले तो वहां टिकैत ने केन्द्र पर बड़ा आरोप लगाया है और 16 फरवरी के भारत बंद को असफल बनाने के लिए किसान नेताओं की गिरफ्तारी का दावा किया है. टिकैत ने सोशल मीडिया के जरिये दावा किया है कि ‘केंद्र सरकार के इशारे पर मध्य प्रदेश में भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव और आराधना भार्गव को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है.’ टिकैत ने तत्काल प्रभाव से इन नेताओं की रिहाई की मांग की है. टिकैत का आखिरी ट्वीट 11 फरवरी का है.

सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला

किसान आंदोलन की वजह से दिल्ली में उपद्रव पैदा होने की आशंका सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष ने लगाई थी. एसोसिएशन की दलील थी कि इससे लोगों की रोजमर्रा की जिंदगी प्रभावित होगी. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने संज्ञान भी लिया और सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि जिस किसी को भी ट्रैफिक की मुश्किलात पेश आ रही हों, मुझे बताए.

इधर किसानों ने कह दिया है कि चाहें उन पर गोली चले या लाठी, वे अपना शांतिपूर्ण प्रदर्शन जारी रखेंगे और किसी से नहीं टकराएंगे. किसानों की मुख्यतः दो मांगे हैं. पहला – वे चाहते हैं कि न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी की कानूनी गारंटी मिले और दूसरा – बिना किसी शर्त के किसानों की कर्जमाफी की जाए.



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