Amritpal Singh Arrest Cm Bhagwant Mann Ordered Police At Midnight To Not For Bullet

Amritpal Singh Arrest: पंजाब पुलिस ने 36 दिनों की फरारी के बाद रविवार (23 अप्रैल) को खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को गिरफ्तार कर लिया. इस पूरे अभियान के दौरान खास बात रही कि एक भी गोली नहीं चली. जानकारी के मुताबिक, पंजाब सीएम भगवंत मान को जैसे ही जानकारी मिली कि अमृतपाल गुरुद्वारे में है और पुलिस उसे पकड़ने की तैयारी कर रही हैं, उन्होंने आधी रात को पुलिस अधिकारियों को फोन कर गोली न चलाने को कहा था.
अमृतपाल की गिरफ्तारी मोगा जिले के रोडे गांव स्थित उसी गुरुद्वारे से हुई, जहां उसकी कभी वारिस पंजाब दे के मुखिया के तौर पर दस्तारबंदी हुई थी. पुलिस ने अमृतपाल की गिरफ्तारी के दौरान गुरुद्वारे के अंदर कदम नहीं रखा और एक भी गोली नहीं चलाई. कार्रवाई के बाद पंजाब पुलिस के आईजी सुखचैन सिंह ने बताया था कि पूरे अभियान के दौरान हमने गुरुद्वारे की मर्यादा का ध्यान रखा.
गुरुद्वारे में न जाने का था आदेश
सीएम भगवंत मान के करीबी के हवाले से इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा, उन्होंने साफ तौर पर पुलिस से कह दिया कि बरगड़ी और बेहबई कलां जैसा कुछ नहीं होना चाहिए जो राज्य को सालों तक परेशान करता रहे. सीएम ने आदेश दिया कि गोली नहीं चलाई जाएगी और पुलिस गुरुद्वारे में प्रवेश नहीं करेगी.
करीबी ने आगे कहा, “जब पूरी गांव की घेराबंदी का फैसला लिया गया, तो सीएम ने डीजीपी को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा ताकि भारी पुलिस उपस्थिति के चलते कोई घबराहट न हो. फैसला हुआ कि पुलिस सादे कपड़ों में तैनात की जाएगी क्योंकि वर्दी धारियों की भारी संख्या खौफ या विरोध की वजह बन सकती थी.”
अकेला पड़ गया था अमृतपाल
भगवंत मान के सहयोगी के हवाले से एक्सप्रेस ने आगे लिखा, सीएम के पास सूचना थी कि अमृतपाल का नेटवर्क पूरी तरह खत्म कर दिया गया था. उसके सहयोगी पहले ही जेल भेजे जा चुके थे, जिसके बाद वह अकेला पड़ गया था. जिन लोगों ने उसे ठिकाना मुहैया कराया था, उन्हें भी गिरफ्तार कर लिया गय था. पुलिस की कार्रवाई के बाद, पंजाब में लोगों ने अपनी कार में अजनबियों को लिफ्ट देना बंद कर दिया था.
18 मार्च को शुरू हुआ था अभियान
‘वारिस पंजाब दे’ के चीफ अमृतपाल सिंह के खिलाफ पंजाब पुलिस ने 18 मई को अभियान शुरू किया था. इस अभियान के दौरान पुलिस ने उसके 9 साथियों को गिरफ्तार किया था. इसमें उसका सबसे खास पप्पलप्रीत भी शामिल था. इन सभी को एनएसए के तहत पंजाब से 3000 किमी दूर असम की डिब्रूगढ़ जेल में भेज दिया गया. इस दौरान अमृतपाल कई बार पुलिस के हत्थे आते-आते रह गया. आखिरकार 23 अप्रैल को उसे भी मोगा जिले के रोडे गांव से गिरफ्तार कर लिया गया. इस समय वह असम की उसी डिब्रूगढ़ जेल में बंद हैं, जहां उसके साथी बंद हैं.
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