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Foreign Ministers Of Pakistan And China Issues Joint Statement On Kashmir Issue

Pakistan China On Kashmir: पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने शनिवार को संयुक्त बयान में कश्मीर का जिक्र किया. पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो (Bilawal Bhutto Zardari) जरदारी के निमंत्रण पर चीन के विदेश मंत्री किन गैंग (Qin Gang) ने पाकिस्तान की अपनी पहली आधिकारिक यात्रा की. शनिवार (6 मई) को दोनों विदेश मंत्रियों ने इस्लामाबाद में बैठक की. इससे पहले बीते दिन ही भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने दो टूक कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का एक अभिन्न अंग था, है और रहेगा.

चीन ने कहा कि कश्मीर विवाद को भारत और पाकिस्तान के बीच इतिहास से छोड़ दिया गया था और इसे संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार ठीक से और शांतिपूर्वक हल किया जाना चाहिए. दोनों पक्षों ने किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया जो पहले से ही अस्थिर स्थिति को और जटिल बनाती है. 

पाकिस्तान का वन चाइना नीति को समर्थन जारी

पाकिस्तान के विदेश मंत्री ने चीन के लोगों और नए नेतृत्व को एक मजबूत, समृद्ध और आधुनिक समाजवादी देश के निर्माण में अधिक सफलता की कामना की. उन्होंने पाकिस्तान-चीन संबंधों को और मजबूत करने के लिए मिलकर काम करने का संकल्प भी व्यक्त किया. पाकिस्तान ने “वन चाइना” नीति के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के साथ-साथ ताइवान, झिंजियांग, तिब्बत, हांगकांग और दक्षिण चीन सागर सहित कई प्रमुख मुद्दों पर चीन के प्रति समर्थन जताया. दोनों पक्षों ने आतंकवाद का मुकाबला करने के अपने दृढ़ संकल्प को दोहराया. 

भारत ने की थी सीपीईसी की आलोचना

भारत के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) की आलोचना करने के अगले दिन पाकिस्तान और चीन के विदेश मंत्रियों ने कई अरब डॉलर की इस बुनियादी ढांचा परियोजना पर सहयोग जारी रखने को लेकर प्रतिबद्धता जताई. इससे पहले गोवा में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक के बाद संवाददाता सम्मेलन में भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा था कि तथाकथित सीपीईसी पर मुझे लगता है कि एससीओ की बैठक में एक बार नहीं बल्कि दो बार यह स्पष्ट किया गया था कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन कनेक्टिविटी संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती है. 

पीओके से होकर गुजर रहा सीपीईसी

इसके बाद बिलावल ने किन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि इस वर्ष सीपीईसी एक दशक पूरे कर रहा है, जिसने पाकिस्तान में सामाजिक-आर्थिक विकास, रोजगार सृजन और लोगों के जीवन स्तर को बेहतर किया है. चीन के सहयोग से बनाया जा रहा सीपीईसी 60 अरब डॉलर से बनाया जा रहा एक गलियारा है, जो पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) से होकर गुजर रहा है. 

बिलावल ने चीन की सराहना की

भारत इसका विरोध कर रहा है क्योंकि यह पीओके से गुजर रहा है और चीन को पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह से अरब सागर का रास्ता उपलब्ध करा रहा है. बिलावल ने कहा कि ये गलियारा दुनियाभर के सभी निवेशकों के लिए हर तरह से फायदे वाली आर्थिक पहल है. उन्होंने कहा कि हम जम्मू-कश्मीर विवाद पर सैद्धांतिक स्थिति सहित हमारे सभी मुद्दों पर चीन के दृढ़ समर्थन की सराहना करते हैं. 

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