Buddha Purnima 2023 Auspicious Yoga Puja Muhurat Vidhi To Please Maa Lakshmi

Buddha Purnima 2023: बुद्ध पूर्णिमा का पर्व वैशाख की पूर्णिमा पर मनाया जाता है. इस बार बुद्ध पूर्णिमा 5 मई 2023 को है. इस बार गौतम बुद्ध की 2585वीं जयंती है. गौतम बुद्ध के जन्मोत्सव पर उनके अनुयायी शोभा यात्रा, भजन, दान, पूजा, करते हैं. इस साल बुद्ध पूर्णिमा बहुत खास मानी जा रही है क्योंकि इस दिन कुछ खास योग का संयोग बन रहा है जो इस दिन के महत्व को दोगुना कर रहा है. इस दिन कूर्म जयंती भी मनाई जाती है. पुराणों के अनुसार श्रीहरि विष्णु का नौवां अवतार बताया गया है, आइए जानते हैं बुद्ध पूर्णिमा के शुभ योग, मुहूर्त और उपाय.
बुद्ध पूर्णिमा 2023 मुहूर्त (Buddha Purnima 2023 Muhurat)
वैशाख पूर्णिमा तिथि शुरू – 04 मई 2023, सुबह 11.44
वैशाख पूर्णिमा तिथि समाप्त – 05 मई 2023, रात 11.03
- स्नान मुहूर्त – सुबह 04.12 – सुबह 04.55
- सत्यनारायण पूजा मुहूर्त – सुबह 07:18 – सुबह 08:58
- चंद्रोदय को अर्घ्य देने का समय – शाम 06.45
- निशिता काल का मुहूर्त – 05 मई 2023, रात 11:56 – 06 मई 2023, प्रात: 12:39 (मां लक्ष्मी की पूजा इस समय उत्तम है)
बुद्ध पूर्णिमा 2023 शुभ योग (Buddha Purnima 2023 Shubh yoga)
बुद्ध पूर्णिमा पर इस बार शुक्रवार और सिद्ध योग का संयोग बन रहा है. शुक्रवार और पूर्णिमा दोनों ही मां लक्ष्मी को अति प्रिय है. वहीं शास्त्रों के अनुसार सिद्ध योग में मां लक्ष्मी की साधना सिद्ध होती है, इसका फल शीघ्र मिलता है और व्यक्ति को कभी धन की कमी नहीं आती. वही इस बार साल का पहला चंद्र ग्रहण भी बुद्ध पूर्णिमा पर ही लग रहा है, हालांकि भारत में इसका प्रभाव नहीं रहेगा.
- सिद्ध योग – 04 मई 2023, सुबह 10:37 – 05 मई 2023, सुबह 09.17
- चंद्र ग्रहण – रात 08.45 – रात 01.00 (5 मई 2023)
बुद्ध पूर्णिमा उपाय (Buddha Purnima Upay)
- लंबे वक्त से कोई काम अटका है तो बुद्ध पूर्णिमा के दिन शुभ मुहूर्त में पवित्र नदी में स्नान करना बहुत ही अच्छा माना जाता है. ऐसा करने से सारे पापों से मुक्ति मिल जाती है, साथ ही इस दिन पूरे घर में गंगाजल छिड़कने से नकारात्मकता का नाश होता है.
- बुद्ध पूर्णिमा के दिन चंद्रदेव का ध्यान करें. एक चांदी की प्लेट में घी का दीपक और धूप जलाएं. इसमें मखाने और सूखे छुहारे रखें. चंद्रमा को दूध से अर्घ्य दें. चांदी के प्लेट की चीजें को अर्पित करें. सफेद प्रसाद अर्पित करें. आप साबूदाने की खीर अर्पित कर सकते हैं. इससे आर्थिक स्थिति में सुधार होता है. मखानों और खीर को परिवार के सदस्यों को बांट दें.
- इस दिन आप किसी तीर्थस्थल पर जाकर गंगा स्नान करें. अंजलि भरकर इसमें काले तिल मिलाकर पितरों के निमित्त इसे अर्पित करें. ऐसा करने से कलह और अशांति दूर होती है.
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