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गाजीपुर: ट्रेन में मारपीट-यात्री से लूट… अब 4 डकैतों को 10 साल की सजा, 18 साल बाद आया फैसला?

गाजीपुर: ट्रेन में मारपीट-यात्री से लूट... अब 4 डकैतों को 10 साल की सजा, 18 साल बाद आया फैसला?

सांकेतिक तस्वीर

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में एक शख्स के साथ चलती ट्रेन में डकैती और मारपीट की घटना को अंजाम दिया गया था. पीड़ित ने केस दर्ज कराया था, लेकिन उसे इस मामले में 18 साल बाद न्याय मिला. अब कोर्ट ने आरोपियों को 10-10 साल की सजा सुनाई. ये मामला दुल्लहपुर और नायकडीह गांव के बीच ट्रेन में हुई डकैती और मारपीट का था, जो जीआरपी मऊ के अंदर आता है. इसलिए मामला मऊ जीआरपी में दर्ज हुआ था. मऊ की जिला और सेशन कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनाई. सभी आरोपी गाजीपुर के रहने वाले थे.

दरअसल ये मामला साल 2007 का है, जब तमसा एक्सप्रेस ट्रेन दुल्लहपुर स्टेशन और नायकडीह हॉल्ट के बीच से गुजर रही थी. ट्रेन में सैकड़ों की संख्या में यात्री सवार थे. अपने गंतव्य की ओर जाने के लिए उसी ट्रेन में हलधरपुर थाना क्षेत्र के रहने वाले ओंकार तिवारी भी सफर कर रहे थे. उनके साथ इस ट्रेन में मारपीट की गई थी और उन्हें घायल कर दिया गया था.

9 लोगों के खिलाफ चार्जशीट दाखिल

इस मारपीट में ओंकार तिवारी का सारा सामान भी लूट लिया गया था. इस मामले को लेकर पीड़ित ने जीआरपी और पुलिस में तहरीर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए डकैती समेत अन्य आरोपों में केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू की और इस मामले में गाजीपुर जनपद के जखनिया के रहने वाले पंकज पांडे, धीरेंद्र कुशवाहा, राणा प्रताप यादव और सुनील यादव समेत कुल 9 लोगों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट दाखिल की गई थी.

10-10 साल की कड़ी सजा सुनाई

इस मुकदमे में कुल 13 बयान दर्ज किए गए थे और उन्हीं बयानों के आधार पर जिला और सत्र न्यायाधीश जनपद मऊ के न्यायाधीश सुनील कुमार की अदालत ने दोनों पक्षों की दलीलें सुनने और सबूतों के आधार पर चार आरोपियों पंकज पांडे, धीरेंद्र कुशवाहा, राणा प्रताप यादव और सुनील यादव को दोषी पाया. वहीं पांच अन्य आरोपियों को रिहा कर दिया गया. इस मामले में कोर्ट ने चारों दोषियों को 10-10 साल की कड़ी सजा सुनाई. इसके साथ ही 20-20 हजार रुपए का भी जुर्माना लगाया है. जुर्माना न देने पर आरोपियों को 6 महीने की और सजा भुगतनी पड़ेगी.



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