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सम्भल के बाद अब वाराणसी में पौराणिक मंदिर मिलने का दावा, स्कंद पुराण में भी जिक्र

सम्भल के बाद अब वाराणसी में पौराणिक मंदिर मिलने का दावा, स्कंद पुराण में भी जिक्र

पौराणिक मंदिर मिलने का दावा.

उत्तर प्रदेश के सम्भल के बाद अब वाराणसी में भी वर्षों से बंद पौराणिक मंदिर मिलने का दावा किया जा रहा है. स्कन्द पुराण के काशी खंड में वर्णित सिद्धेश्वर महादेव मंदिर को ढूंढने का दावा किया गया है. ढूंढे काशी नाम की संस्था के लोग वाराणसी के मदनपुरा इलाके में इसे ढूंढने का दावा कर रहे हैं. ये मंदिर सघन मुस्लिम इलाके में एक अहाते के अंदर ताले में बंद है. इसमें करीब एक फुट मिट्टी भरी हुई है.

संस्था के लोग इस मंदिर को करीब 300 साल पुराना बता रहे हैं, जबकि शिवलिंग को पौराणिक मान रहे हैं. संस्था के लोगों ने बताया कि इस मंदिर के बगल में सिद्ध कूप को भी खोज लिया गया है.

ढूंढे काशी के अजय शर्मा का कहना है कि स्कन्द पुराण के काशी खंड में वर्णित है कि तदग्निदिशि देवर्षिगणलिङ्गान्यनेकशः पुष्पदन्ताद्दक्षिणतःसिद्धीशः परसिद्धिदः॥ (२४७)
(पुष्पदन्तेश्वर) उनसे अग्निकोण पर देवता और ऋषिगण के स्थापित बहुतेरे लिंग विराजमान हैं. उक्त पुष्पदन्तेश्वर से दक्षिण परमसिद्धिप्रद सिद्धीश्वर हैं।।(२४७) और विधिपूर्वक इनकी पूजा करने से
पञ्चोपचारपूजातः स्वप्ने सिद्धिं परां दिशेत्। राज्यप्राप्तिर्भवेत्पुंसां हरिश्चन्द्रेशसेवया॥(२४८)
यदि कोई उनकी पंचोपचार से पूजा करे, तो उसे वे स्वप्न में परमसिद्धि को जता देते हैं. हरिश्चन्द्रेश्वर के सेवन से लोगों को राज्य का लाभ होता है।। (२४८)

मंदिर ढूंढने का दावा

मदनपुरा के जंगम्बाड़ी मठ के सामने वाली गली में चश्मे की दुकान के बगल में ये मंदिर ढूंढने का दावा हुआ है. ढूंढे काशी संस्था पौराणिक महत्व के मंदिरों पर काम करती है. और इसी क्रम में देवताओं के क्रम को मिलाने के दौरान ये इस पौराणिक मंदिर की जानकारी हुई.

साड़ी व्यवसाई की प्रॉपर्टी

ये प्रॉपर्टी किसी साड़ी व्यवसाई की बताई जा रही है जो 100 साल पहले इन्होंने खरीदी थी. इस मामले पर डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल ने बताया कि ढूंढे काशी संस्था के लोगों ने पुलिस से काफी साल से बंद पड़े मंदिर को खुलवाए जाने की मांग की है.

मंदिर को खुलवाने की कवायद

फिलहाल स्थानीय लोगों से वार्ता चल रही है और मंदिर सार्वजनिक स्थल पर है और बंद पड़ा है. ऐसे में मंदिर को स्थानीय लोगों के साथ बैठक कर वार्ता के पश्चात खुलवाए जाने की कवायद की जाएगी. मंदिर को लेकर कोई विवाद जैसी स्थिति नहीं है और शांतिपूर्ण तरीके से मंदिर के बारे में जानकारी के बाद जो भी निर्णय होगा लिया जाएगा.



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