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UP में सजा उपचुनावों का रण, परिवार और भाई-भतीजों के भरोसे सियासी दल

UP में सजा उपचुनावों का रण, परिवार और भाई-भतीजों के भरोसे सियासी दल

सीएम योगी, राहुल गांधी और अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

उत्तर प्रदेश की 10 सीटों पर होने वाले विधानसभा उपचुनावों की तारीखों के ऐलान होने में कुछ ही समय बाकी है. इस बीच इन सभी 10 सीटों पर तमाम दलों के उम्मीदवारों ने अभी से ताल ठोकनी शुरु कर दी है. राजनीतिक दलों में भी इन सभी सीटों पर किसको उम्मीदवार बनाया जाए इसको लेकर मंथन का दौर जारी है.

इस बीच समाजवादी पार्टी से लेकर बीजेपी उन तमाम विधायकों की परिवारों के सदस्यों पर दांव लगाने की तैयारी में है जो इन सीट पर विधायक चुने गए थे और हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सासंद चुनकर दिल्ली पहुंच गए हैं.

तेज प्रताप यादव हो सकते हैं उम्मीदवार

सूत्रों के मुताबिक समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव के इस्तीफे के बाद खाली हुई करहल विधानसभा सीट पर उनके चचेरे भाई और मैनपुरी से पूर्व सासंद तेज प्रताप यादव उम्मीदवार हो सकते हैं. वहीं कानपुर के सीसामऊ सीट से सपा के विधायक रहे इरफान सोलंकी को सजा होने के बाद इस सीट पर चुनाव होना है.

अवधेश प्रसाद के बेटे भी ठोकेंगे ताल

इस सीट पर भी सपा सोलंकी परिवार पर दांव खेलने की तैयारी में है, जिसके लिए अखिलेश यादव ने अपनी सहमति भी दे दी है. अयोध्या जिले के मिल्कीपुर सीट से विधायक रहे अवधेश प्रसाद के बेटे भी इस सीट सपा के टिकट अपने पिता के सासंद बनने के बाद ताल ठोकतें नजर आएंगे.

वहीं कटेहरी विधानसभा सीट उपचुनाव मे मौजूदा सपा सासंद लाल जी वर्मा की बेटी छाया वर्मा ने भी चुनाव में लड़ने के संकेत दिए हैं. ये सीट लालजी वर्मा को लोकसभा चुनाव जीत मिलने के बाद ख़ाली हुई है.

चुनाव की तैयारी में जुटने के संकेत

सूत्रों के मुताबिक़ जिन 9 विधायकों के सांसद बनने के बाद इस्तीफा देने से ये तमाम सीटें खाली हुई उन सीटों पर सपा से लेकर भाजपा और कांग्रेस समेत तमाम दल प्रभावशाली परिवारों के सदस्यों को ही टिकट देना वरीयता दे रही है. सपा ऐसी तमाम सीटों पर चुनाव लड़ने वालों को ग्रीन सिग्नल देकर चुनाव की तैयारी में जुटने के संकेत दे दिए हैं.

इन सीटों पर होना है उपचुनाव

जिन 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है. उनमें से पांच सीटों पर सपा का कब्ज़ा था, जिनमें करहल सीसामऊ कुंदरकी मिल्कीपुर कटेहरी विधानसभा सीटें शामिल हैं. वहीं बीजेपी 2022 के चुनावों में खैर, गाज़ियाबाद और फूलपुर सीटों पर जीत हासिल कर चुकी है. बतादें उसकी सहयोगी निषाद पार्टी को मंझवा विधानसभा सीट पर जीत मिली थी और अभी बीजेपी की सहयोगी बन चुकी रालोद के कोटे में मीरापुर सीट आएगी. इस सीट पर 2022 के विधानसभा चुनावों रालोद जीती थी.

बीजेपी, कांग्रेस और रालोद भी परिवारों पर लगा सकती है दांव

जिन सीटों पर उपचुनाव होना है, वहां सपा की रणनीति सामने आने के बाद खबर है कि बीजेपी भी अपनी जीती हुई सीटों पर उन परिवारों पर दांव लगा सकती है जो चुनकर संसद पहुंच गए हैं या इलाके के प्रभावशाली परिवारों से ताल्लुक़ रखते हैं.

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