किर्गिस्तान में मौत के साए में जी रहे इटावा के मेडिकल स्टूडेंट, रो रोकर सुनाई आपबीती; जानें मामला | Violence between locals and outsiders in Kyrgyzstan medical students of Etawah stranded stwma


किर्गिस्तान में फंसे अपने बेटे से बात करती मां.
किर्गिस्तान में जारी हिंसा के बीच उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के 6 मेडिकल स्टूडेंट वहां फंसे हुए हैं. छात्रों के परिजन अपने बच्चो को वापस लाने के लिए हर प्रयास कर रहे है. छात्रों के परिजनों का आरोप है कि भारतीय दूतावास से उन्हें किसी प्रकार की मदद नहीं मिल रही है. किर्गिस्तान में विदेशी बनाम स्थानीय की हिंसा में कई प्रवासी छात्रों की मौत होने की बात सामने आ रही है, जिससे छात्रों के परिजन परेशान हैं.
छात्रों ने किर्गिस्तान में हो रही हिंसा के वीडियो अपने परिवार को भेजे हैं, जिसमें स्थानीय लोग विदेशी लोगों को बेरहमी से ढूंढ ढूंढकर मार रहे हैं. इटावा के रहने वाले 6 छात्र छात्राएं किर्गिस्तान के कांत शहर में स्थित एशियन मेडिकल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रहे है.छात्रों के परिजनों का कहना है कि फ्लाइट में भीड़ अधिक होने के चलते हर मिनट हवाई जहाज का किराया बढ़ रहा है, जिससे छात्रों को वापस आने में और भी कठिनाई हो रही है.
‘मेरे 2 बेटे किर्गिस्तान में फंसे हैं’
इटावा निवासी शैलेंद्र यादव ने बताया कि उनके दो बेटे किर्गिस्तान में मेडिकल की पढ़ाई कर रहे है. उनका बड़ा बेटा एमबीबीएस में फाइनल ईयर का छात्र है. वहीं, छोटा बेटा आठवें सेमेस्टर में हैं. उन्होंने बताया कि एक दिन उनके पास बच्चों को फोन आया. वह काफी घबराए हुए थे. उन्होंने बताया कि किर्गिस्तान में हिंसा भड़क गई है. यहां स्थानीय और बाहरी लोग आपस में भिड़ गए हैं. कई छात्रों की जान चली गई है. यह सुनकर वह घबरा गए. उन्होंने अपने छोटे बेटे को वापस बुलाया है. वहीं, बड़े बेटे का फाइनल इयर है जिसके कारण वह वहीं रुकेगा.
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दो रात से नहीं सो पा रहा परिवार
ऐसा ही हाल इटावा के जितेंद्र कुमार सिंह का है. उनकी बेटी एशियन मेडिकल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है, जिसके 3 वर्ष पूरे हो चुके हैं. जब उन्हें किर्गिस्तान के हालात के बारे में पता चला तो दो रात मैं और मेरा परिवार सो नही सका. वह लगातार अपनी बेटी से संपर्क बनाए हुए हैं. उन्होंने अपनी बेटी को दुबई जाने के लिए कहा है, वहां से वह भारत लौटकर आयेगी.