Kanpur: पत्नी ने गुजारा भत्ता मांगा, पति ने 13 साल तक टरकाया… अब पुलिस को ही नोटिस जारी | Kanpur husband Ignored court order Alimony not given to wife Notice issued for Rs 11 lakh-stwma


कानपुर जिला कोर्ट
कानपुर में कोर्ट की अवमानना का मामला सामने आया है. फैमली कोर्ट के आदेश को न मानने पर अदालत ने उत्तर प्रदेश के डीजीपी और पुलिस कमिश्नर कानपुर को नोटिस जारी किया है. इस पूरे प्रकरण की वजह पति-पत्नी के बीच पारिवारिक कलह है. दोनों के बीच विवाद इतना बड़ा कि उनका रिश्ता टूट गया. दोनों अलग-अलग रहने लगे. पत्नी ने पति से गुजारा भत्ता लेने के लिए कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था.
पत्नी की गुहार पर कोर्ट ने पति को गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया था. यह कितना देना है इसकी धनराशि भी तय की गई थी. कोर्ट के आदेश का असर पति पर नहीं पड़ा और वह उस आदेश की लगातार अवलेहना करता रहा. जब कई वर्षों तक पत्नी को राहत नहीं मिली तो उसने फिर से कोर्ट में फरियाद लगाई. कोर्ट ने इस बार सख्त रुख अपनाते हुए आरोपी पति के खिलाफ रिकवरी वारंट जारी किया गया. फिलहाल आरोपी पुलिस की गिरफ्त में है.
कोर्ट ने दिया था 11 लाख की रिकवरी का आदेश
कानपुर के झक्करकट्टी की रहने वाली महिला की शादी जाजमऊ के उमेश शुक्ला के साथ हुई थी. दोनों का रिश्ता ठीक से नहीं चल पाने के कारण पत्नी ने गुजारा भत्ता के लिए 2011 में कोर्ट का सहारा लिया था. मामले की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने आदेश दिया कि उमेश अपनी पत्नी और बच्चे को 7500 रुपया हर महीने गुजारा भत्ता दे. जब उमेश ने कोर्ट के इस आदेश का पालन नहीं किया तो अदालत ने 11 लाख रुपए की रिकवरी का आदेश जारी कर दिया.
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बार-बार आया कोर्ट का आदेश, नहीं माना
उमेश ने कोर्ट के इस आदेश की भी अवहेलना कर दी. जब बार-बार आदेश करने के बाद भी महिला को राहत नहीं मिली तब अदालत ने भी तहसीलदार से लेकर डीएम तक को नोटिस जारी कर दिया. इसके बाद पुलिस ने उमेश को गिरफ्तार कर लिया. हद तो तब हो गई जब उमेश ने गलत चेक देकर चेक को ही बाउंस करवा दिया. 13 साल से गुजारा भत्ता ना मिलने पर पीड़िता ने फिर से कोर्ट का सहारा लिया. फैमिली कोर्ट ने इस मामले में रिकवरी वारंट के अनुपालन के लिए डीजीपी उत्तर प्रदेश और पुलिस आयुक्त कानपुर को नोटिस जारी किया है. मामले की अगली सुनवाई 28 मार्च को तय की गई है.