जिस रानी ने बाबरी मस्जिद की नींव रखने वाले को उतारा मौत के घाट, 3000 महिलाओं को दी थी ट्रेनिंग | ayodhya ram mandir babri masjid demolition queen who killed mir baqi stwss


रानी जयराज कुमारी
एक ऐसी कहानी जिसने पूर्वांचल के इतिहास को पढ़ने पर मजबूर कर दिया. यह सिर्फ कहानी नहीं बल्कि सनातन संस्कृति और मुगलों के बीच का वह किस्सा है जिसे लगभग 600 सालों तक लोगों को जंग का एहसास कराती रही. हम बात कर रहे हैं 1528 ई की, जब मीरबांकी ने राम मंदिर को ध्वस्त करके बाबरी मस्जिद की नींव रखी थी. जिसके बाद से लाखों हिंदुओं ने अपने प्राणों की आहुति दे दी और वह इसलिए क्योंकि राम मंदिर को हटाने के बाद से लाखों हिन्दू अपने वजूद के लिए लड़ रहे थे. इतना ही नहीं बल्कि मुगल काल तक हिंदू अपने मर्यादा पुरुषोत्तम के लिए लड़ते रहे क्योंकि उनका यह विश्वास था कि एक दिन जरूर उनकी विजय होगी .
1500 ई से लेकर साल 2024 तक हुई मंदिर स्थापना की इस जंग में भले ही हिंदू विजई हुए हो लेकिन कभी भी मंदिर-मस्जिद की इस लड़ाई को नहीं बुलाया जा सकता है. इस कहानी का सबसे दिलचस्प किस्सा मीरबांकी की मौत से शुरू होता है. जब आजमगढ़ और अवध के बॉर्डर पर बसे एक गांव जिसका नाम हंसवर था, जिसने मीरबाँकी की मौत की एक शानदार कहानी लिख डाली थी.
28 हजार की सेना लेकर निकले थे अयोध्या
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बाबरी मस्जिद की स्थापना का साल था और महाराज रणविजय सिंह अपने महल की तरफ से आजमगढ़ होते हुए तीर्थ यात्रा पर निकले ही थे कि उन्हें पता चला कि मीरबाँकी राम मंदिर को ध्वस्त करने के लिए निकल चुका है. जब तक कोई कुछ समझ पाता तब तक मीरबाँकी ने अयोध्या राम मंदिर को ध्वस्त करके बाबरी मस्जिद की नींव ढाल चुका था. तभी महाराजा स्व रणविजय सिंह ने मीरबाँकी से युद्ध की घोषणा कर दी और 28 हजार की सेना लेकर अयोध्या की तरफ चल दिए.
कई हफ्तों तक चले इस भीषण युद्ध में आखिरकार महाराज रणविजय सिंह वीरगति को प्राप्त हो गए और आमिर बाकी का हौसला बुलंद होता गया. लेकिन मीरबाँकी को यह समझ नहीं आया कि उनकी एक पत्नी भी है. जिसका परिणाम यह रहा कि उनकी पत्नी जयराज कुंवरि ने प्रण ले लिया कि बिना मीरबाँकी की मौत के वह चैन की सांस नहीं लेंगी.
महारानी स्वर्गीय जयराज कुंवरि
इसी क्रम में महारानी स्वर्गीय जयराज कुंवरि ने एक ऐसी सेना तैयार की जिसने भारत में एक नया इतिहास रच दिया. महारानी जयराज कुंवरि ने भारत की पहली ऐसी सेना बनाई जिसमें 3000 महिलाओं को ट्रेनिंग देकर, महिलाओं की सेना तैयार की जो की. फिर क्या था, मीरबाँकी को मौत के घाट उतार दिया गया. उन्हीं के वंशज रहे वर्तमान अंबेडकर नगर के पास बसखारी क्षेत्र से ब्लॉक प्रमुख कुंवर संजय सिंह ने उनकी विरासत को 500 सालों से अब तक संभाल कर रखा हुआ है.
कई एकड़ में फैली हवेली
जहां देश के कोने कोने से लोग इस हवेली को देखने के लिए आते हैं. आजमगढ़ और अंबेडकर नगर बॉर्डर पर पहुंचने के बाद हवेली की याद हर शख्स के मन में गूंज उठती है और लोग देखने के लिए मजबूर हो जाते हैं. आपको बताते चले की कई एकड़ में फैले इस हवेली के कई द्वार बनाए गए हैं. आज भी हवेली में पुरानी परंपरा को जिंदा रखा गया है. हंसवर की महारानी स्वर्गीय जयराज कुंवरि के वंशज कुंवर संजय सिंह अपने पूरे परिवार के साथ इस हवेली में आज भी निवास करते हैं.
वर्तमान में कुंवर संजय सिंह इतने लोकप्रिय हैं कि उन्हें जनता ने भारी मतों से ब्लाक प्रमुख बनाया है और वर्तमान में भारतीय जनता पार्टी के कई कद्दावर नेताओं के करीबी भी माने जाते हैं. वर्तमान में अंबेडकरनगर, आजमगढ़ और संत कबीर नगर जैसे जनपद से बड़ी राजनीति भी करते है. पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने बताया कि हम स्वर्गीय रणविजय सिंह के वंशज है और महारानी है.