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आगे पहाड़ पीछे खाई… अखिलेश ने कांग्रेस के लिए रखी ये शर्त | Akhilesh Yadav UP Lok Sabha Election candidates 2024 congress India Alliance

आगे पहाड़ पीछे खाई... अखिलेश ने कांग्रेस के लिए रखी ये शर्त

अखिलेश यादव, राहुल गांधी (फाइल फोटो)

टाइमलाइन से अखिलेश यादव के माइंड गेम को समझिए. दिल्ली में हुई इंडिया गठबंधन की बैठक में उन्होंने मायावती का मुद्दा उठाया. उन्होंने कांग्रेस नेताओं से पूछा कि ये बीएसपी से गठबंधन की खबरें कहां से आ रही हैं. आखिर कांग्रेस का इस पर क्या स्टैंड है! जवाब कांग्रेस अध्यक्ष मल्लीकार्जुन खरगे ने दिया. उन्होंने कहा ये सब मीडिया की बनाई कहानी है. हमारी गठबंधन आपसे है. हम तो समाजवादी पार्टी के साथ चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं.

कांग्रेस अध्यक्ष के इस दावे के बावजूद पार्टी के कई नेता बीएसपी से तालमेल का दावा करते रहे. बीजेपी को रोकने के नाम पर बहिन जी से साथ आने की अपील करते रहे. हैरान परेशान अखिलेश यादव ने यहां तक कह दिया कि मायावती की गारंटी कौन लेगा! वे तो चुनाव के बाद किसी साइड जा सकती हैं.

अपने बर्थ डे पर मायावती ने अखिलेश यादव को सबसे बड़ा गिफ्ट दिया. उन्होंने कांग्रेस के साथ किसी भी गठबंधन से इंकार कर दिया. उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी बीएसपी अकेले ही चुनाव लड़ेगी. मायावती ने कहा कि गठबंधन से उन्हें कोई फायदा नहीं होता है. जब भी बीएसपी ने गठबंधन किया, उसे नुकसान ही हुआ. मायावती के एकला चलो के एलान के बाद से ही अखिलेश याद फ़ुल फार्म में हैं. वे लगातार फ्रंट फुट पर खेल रहे हैं. कांग्रेस के लिए वे कोई राजनैतिक जमीन छोड़ने के मूड में नहीं हैं.

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राष्ट्रीय लोक दल से उनका गठबंधन पिछले लोकसभा चुनाव से पहले का है. पिछली बार बीएसपी का भी साथ था. तब आरएलडी को सिर्फ तीन सीटें मिली थीं. इस बार कांग्रेस से बिना बात किए ही उन्होंने जयंत चौधरी को सात सीटें देने की घोषणा कर दी.

16 सीटों पर सपा ने घोषित किए उम्मीदवार

बिहार में नीतीश कुमार आरजेडी को छोड़ कर बीजेपी से हाथ मिलाने के लिए होम वर्क कर रहे थे. उनके शपथ ग्रहण से ठीक एक दिन पहले अखिलेश यादव ने कांग्रेस के माथे बम फोड़ दिया. उन्होंने सोशल मीडिया साइट एक्स पर कांग्रेस के लिए 11 सीटें छोड़ने का एलान कर दिया. ये भी नहीं बताया कि आखिर किस फार्मूले पर ये सब हुआ. कांग्रेस के लिए छोड़ी गई 11 सीटें कौन सी हैं. फिर उन्होंने मंगलवार को समाजवादी पार्टी के 16 उम्मीदवारों की घोषणा कर दी. इनमें से कुछ सीटें ऐसी हैं, जिन पर कांग्रेस चुनाव लड़ना चाहती थी. कांग्रेस के एलांयस कमेटी के सदस्य सलमान खुर्शीद खुद फर्रुखाबाद से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वे यहां से सांसद भी रह चुके हैं. लेकिन अखिलेश ने यहां से अपना उम्मीदवार दे दिया है. इसी तरह खीरी और लखनऊ से भी अखिलेश ने टिकट फाइनल कर दिया है.

डबल डोज की राजनीति कर रहे अखिलेश

अखिलेश यादव यहीं नहीं रूके हैं. उन्होंने तो वाराणसी और मिर्जापुर से भी चुनाव लड़वाने की तैयारी कर ली है. उन्होंने दोनों लोकसभा सीटों पर प्रभारी तय कर दिए हैं. वाराणसी से सुरेन्द्र पटेल और मिर्जापुर से उत्तम सिंह पटेल को ये जिम्मेदारी दी गई है. यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय वाराणसी से चुनाव लड़ना चाहते हैं. वे यहां से पहले भी चुनाव लड़ते रहे हैं. लेकिन समाजवादी पार्टी ने इस सीट पर भी दावेदारी ठोंक दी है. अखिलेश यादव डबल डोज की रणनीति पर काम कर रहे हैं. गठबंधन तोड़ने का ठीकरा उन पर न फूटे, अखिलेश का दांव यही है. लेकिन हालात उन्होंने कांग्रेस के लिए ऐसा ही बना दिया है. जैसे आगे पहाड़ पीछे खाई.

कहां तो कांग्रेस वाले 30 सीटें मांग रहे थे. फिर मामला 18 से 21 पर पहुंच गया. लेकिन अखिलेश यादव ने 11 सीटें छोड़कर गेंद कांग्रेस के पाले में डाल दी है. या तो मान लो या फिर अपने अपने रास्ते. कांग्रेस वाले समझ ही नहीं पा रहे हैं क्या करें. पार्टी के 16 टिकट तय करने के बाद अखिलेश यादव का पहला रिएक्शन आया है. उनका कहना है कि एनडीए को हराने के लिए हम साथ-साथ हैं. अखिलेश ने कहा जो जीतने लायक है वही लड़ेगा. तो क्या समझा जाए कि कांग्रेस के पास जीतने लायकनेताहीनहींहै.

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