महिलाओं के खिलाफ बढ़ रहे अपराध लेकिन महिला पुलिस की संख्या काफी कम, दिल्ली और UP की भी हालत खराब | Crime Against Women ncrb data number of women Police Personnel


प्रतीकात्मक तस्वीर
भारत सरकार के इस हफ्ते आए दो आकड़े बिल्कुल उलट कहानी बयां करते हैं. एक ओर गृह मंत्रालय के आंकड़ों ही को मानें तो न सिर्फ कई छोटे शहरों में बल्कि मेट्रो सिटीज में भी महिलाओं के खिलाफ अपराध बढ़ रहे हैं लेकिन पुलिस विभाग में महिलाओं की संख्या 12 फीसदी से भी कम है. मोटा माटी अगर कहा जाए तो करीब 10 पुलिस कर्मचारी अगर काम कर रहे हैं तो उनमें सिर्फ एक महिला है.
भारत सरकार का कहना है कि वह लगातार इस प्रतिनिधित्व को बढ़ाने की दिशा में कोशिश कर रही है. कम से कम यह रिप्रजेंटेशन 33 प्रतिशत हो जाए इसके लिए भारत सरकार ने 2013 से लेकर अब तक 5 सुझाव राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को भेजा है. देश में फिलहाल 21 लाख पुलिस कर्मचारी हैं. इसमें महिलाओं की संख्या 2 लाख 46 हजार ही के करीब है.
दिल्ली की भी हालत खराब
राजधानी दिल्ली की अगर बात करें तो यहां नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो की एक रिपोर्ट कहती है कि साल 2022 में करीब 14 हजार महिलाओं के खिलाफ अपराध के मामले राजधानी में दर्ज हुए. इसी की तुलना में अगर महिलाओं की पुलिस विभाग में भागीदारी की बात करें तो यह केवल 11.12 फीसदी है. 92 हजार पुलिस वाले कुल मिलाकर दिल्ली में हैं. इनमें महिलाओं की संख्या केवल 10 हजार 228 है.
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UP की भी हालत ठीक नहीं
उत्तर प्रदेश में कुल तीन लाख पुलिसकर्मियों की स्वीकृत संख्या है लेकिन महिलाओं की उपस्थिति महज 33 हजार 425 है. यह लगभग 11.14 फीसदी बैठता है. सबसे बेहतर स्थिति महाराष्ट्र की नजर आती है जहां पुलिस विभाग में महिलाओं का प्रतिनिधित्व करीब 16 फीसदी है. फिर भी यह 1 लाख 85 हजार पुलिस कर्मचारियों की राज्य में जो स्वीकृत संख्या है, उसकी तुलना में बेहद कम है. हालांकि गृह मंत्रालय ने कहा है कि यह संख्या भले जरुरी 33 फीसदी के टारगेट से कम है लेकिन पिछले कुछ सालों में इसमें अच्छी बढ़ोतरी हुई है.
हर घंटे देश में करीब 51 एफआईआर
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो यानी एनसीआरबी की हालिया रिपोर्ट वहीं कहती है कि साल 2022 में महिलाओं के खिलाफ अपराध कुल 4 लाख 45 हजार के करीब मामले दर्ज किए गए. यह संख्या 2021 की तुलना में लगभग 4 फीसदी अधिक थी. 2021 में जहां महिलाओं के खिलाफ देश में अपराध के करीब 4 लाख 28 हजार मामले दर्ज किए गए. एनसीआरबी की रिपोर्ट का इस तरह निचोड़ ये है कि हर घंटे देश में करीब 51 एफआईआर दर्ज होती है.
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