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Telangana Election Results Who Is Sunil Kanugolu Poll Strategist Behind Congress Telangana Win

Telangana Election Results: कर्नाटक में कांग्रेस को सत्ता में वापसी कराने के कुछ महीनों बाद चुनावी रणनीतिकार सुनील कानुगोलू की रणनीति एक बार फिर करिश्माई साबित हुई और तेलंगाना में कांग्रेस की किस्मत पलट गई.  कानुगोलू को कर्नाटक में कांग्रेस की जीत का काफी हद तक श्रेय दिया गया और बाद में उन्हें सिद्धारमैया सरकार में कैबिनेट मंत्री के पद से भी नवाजा गया. 

इस बार कानुगोलू ने तेलंगाना प्रदेश के कांग्रेस अध्यक्ष रेवंत रेड्डी के साथ मिलकर के.चंद्रशेखर राव के नेतृत्व वाली बीआरएस को परास्त करने के मकसद से रणनीति तैयार करने के लिए एक मजबूत जोड़ी बनाई. केसीआर दक्षिणी राज्य में तीसरे बार सत्ता में वापस की कोशिश कर रहे थे. 

इन तीन राज्‍यों में कांग्रेस को म‍िली करारी श‍िकस्‍त 
तेलंगाना में कांग्रेस जहां स्पष्ट बहुमत के आंकड़े तक पहुंच गई है. वहीं, हिंदी पट्टी के राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में उसे करारी शिकस्त झेलनी पड़ी है. पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश के बाद कानुगोलू ने राजस्थान और मध्य प्रदेश का भी रुख किया था, लेकिन अशोक गहलोत और कमलनाथ कथित तौर पर चुनाव रणनीतिकार के सुझावों से एकमत नहीं थे. 

कांग्रेस सरकार की रणनीति बनाने को गहलोत लेकर आए थे ‘डिजाइनबॉक्स’  
राजस्थान चुनावों से पहले कानुगोलू ने संभावित उम्मीदवारों की जीत के बारे में आकलन किया था, लेकिन कथित तौर पर गहलोत उनके सुझावों से सहमत नहीं हुए. गहलोत विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस सरकार की रणनीति बनाने के लिए नरेश अरोड़ा के ‘डिजाइनबॉक्स’ को ले आए. 

कर्नाटक और तेलंगाना में कानुगोलू की म‍िला फ्री हैंड
सूत्रों का कहना है कि कर्नाटक और तेलंगाना में कानुगोलू की सफलता उन्हें और उनकी टीम को स्वतंत्र रूप से काम करने की इजाजत देने का नतीजा थी. कर्नाटक से आने वाले कानुगोलू की उम्र लगभग 40 वर्ष है. उनको कर्नाटक में बीजेपी के खिलाफ ‘पे-सीएम’ अभियान के साथ कांग्रेस की रणनीति गढ़ने वाला माना जाता है.

तेलंगाना में चुनावों से पहले, उन्होंने कांग्रेस के अभियान के हिस्से के रूप में के.चंद्रशेखर राव सरकार के कथित भ्रष्टाचार को उजागर किया था. माना जा रहा है कि इस मुद्दे पर पार्टी को लोगों का साथ मिला. 

इन अभ‍ियानों से तुरंत जुड़ती नजर आई जनता 

कर्नाटक और तेलंगाना में कांग्रेस की ओर से चलाए गए अभियानों में काफी समानता है क्योंकि दोनों ने सत्ताधारी सरकार के कथित भ्रष्टाचार और प्रस्तावित कल्याण गारंटी को रेखांकित किया, जिससे जनता तुरंत जुड़ती दिखी. 

2018 में कर्नाटक में बीजेपी के साथ काम क‍िया 
दिलचस्प बात यह है कि कानुगोलू पूर्व में बीजेपी के कई चुनाव अभियानों में शामिल रहे हैं. उन्होंने 2018 में कर्नाटक में बीजेपी के साथ काम किया और पार्टी 104 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनने में कामयाब रही. उन्होंने 2014 में नरेंद्र मोदी के अभियान के साथ-साथ उत्तर प्रदेश और गुजरात में पार्टी के रणनीतिक अभियानों पर भी काम किया था. 

इन चुनावों में भी कई पार्ट‍ियों के साथ क‍िया काम 
मैकेंजी के पूर्व सलाहकार कानुगोलू द्रमुक प्रमुख एमके स्टालिन से भी जुड़े थे और 2019 के लोकसभा चुनावों के दौरान पार्टी के ‘नमक्कू नामे’ (हमारे लिए, हम हैं) अभियान का जिम्मा उनके पास था. उन्होंने 2021 में द्रमुक के खिलाफ अन्नाद्रमुक के साथ भी काम किया और तमिलनाडु विधानसभा चुनावों में तब पार्टी 75 सीटें जीती थीं. 

लोकसभा चुनाव से पहले कानुगोलू को ज्‍यादा जिम्मेदारियां देने की संभावना
 कानुगोलू पिछले साल कांग्रेस में शामिल हुए थे और कर्नाटक में पार्टी के अभियान से जुड़े. उन्हें पिछले साल कन्याकुमारी से कश्मीर तक राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की रणनीति बनाने का भी श्रेय दिया जाता है. कर्नाटक और तेलंगाना को कांग्रेस की झोली में डालने वाले कानुगोलू को लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी की तरफ से अधिक जिम्मेदारियां दिए जाने की संभावना है. 

यह भी पढ़ें: Telangana Election Results: तेलंगाना में कांग्रेस की जीत पर बोले रेवंत रेड्डी, ‘जनता को सब पता, कब, कैसे जवाब देना है…’ 

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