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आजम खान का हमदर्द क्यों बनना चाह रही है कांग्रेस? जानें इसके पीछे की पूरी सियासत | Congress sympathizer of Azam Khan Ajai Rai Jail Meeting Know entire politics

आजम खान का हमदर्द क्यों बनना चाह रही है कांग्रेस? जानें इसके पीछे की पूरी सियासत

समाजवादी पार्टी के नेता आजम खान

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय कल यानी 26 अक्टूबर को आजम खान से मिलेंगे. आजम खान हफ्ते भर से सीतापुर की जेल में बंद है. कांग्रेस नेता की समाजवादी पार्टी के नेता से इस मुलाकात के कई राजनैतिक मायने हैं. आजम खान और कांग्रेस के छत्तीस के रिश्ते तो जगजाहिर हैं. न तो कांग्रेस पार्टी ने कभी आजम खान को पसंद किया और न ही आजम ने कांग्रेस को. फिर आजम खान के दर्द का हमदर्द कांग्रेस क्यों बनना चाहती है?

वास्तव में मामला मुस्लिम वोट का है. सामने लोकसभा चुनाव है. यूपी में लोकसभा की 80 सीटें हैं. यूपी के बीस प्रतिशत मुसलमान किसी भी पार्टी की तकदीर बदलने की ताक़त रखते हैं. तो आजम खान के नाम के बहाने सहानुभूति बटोर कर गैर बीजेपी राजनैतिक पार्टियां अपने वोटों का हिसाब किताब ठाक कर लेना चाहती हैं.

इसी चक्कर में कांग्रेस ने बीएसपी से निकाले गए पश्चिमी यूपी के बड़े मुस्लिम नेता इमरान मसूद को अपने माथे पर बिठा लिया है. यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय एक तीर से दो निशाने साधने के मूड में हैं.

मुस्लिम वोटरों को लुभाने की कवायद

आजम खान के बहाने वे मुस्लिम वोटरों को अपना बनाने में जुटे हैं. उनकी इस कोशिश से समाजवादी पार्टी का नाराज होना तो स्वाभाविक है. कहने के लिए कांग्रेस और समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन के सहयोगी दल हैं. लेकिन पिछले ही हफ्ते अजय राय और अखिलेश यादव के बीच जो हुआ वो तो सबके सामने है.

एमपी के विधानसभा चुनाव को लेकर दोनों पार्टियों में सीटों का बंटवारा नहीं हो पाया. इस पर अखिलेश यादव ने कांग्रेस पर धोखा देने का आरोप लगाया. तो जवाब में अजय राय ने कह दिया कि आजमगढ़ की सीट अखिलेश बचा नहीं पाए और अब हमें ज्ञान देते हैं.

उनके इस बयान पर अखिलेश यादव ने अजय राय को चिरकुट नेता तक कह दिया. अगले ही दिन वाराणसी पहुंचने पर अजय राय ने कहा जो अपने पिता का सम्मान नहीं कर पाया, वो मेरा क्या सम्मान करेंगे. कांग्रेस हाईकमान के बीच बचाव के बाद बयानबाजी बंद हुई.

अब आजम खान से मिल कर अजय राय ये संदेश देना चाहते हैं कि कांग्रेस ही मुसलमानों की फिक्र करने वाली असली पार्टी है. सीतापुर जेल जाकर वे ये भी बताना चाहते हैं कि अखिलेश यादव तो नहीं आए पर हम आजम खान से मिलने आ गए. अब तक समाजवादी पार्टी के किसी भी बड़े नेता ने जेल जाने के बाद आज़म खान से मुलाकात नहीं की है.

अजय राय से मुलाकात होगी कहानी में ट्विस्ट

अजय राय तो आजम खान से मिलना चाहते हैं पर क्या आजम भी ऐसा ही चाहते हैं, अगर आजम खान ने अजय राय से मुलाकात के लिए हामी भर दी तो समझिए कहानी में ट्विस्ट है.

आजम खान के मन में भी कुछ चल रहा है. उनके करीबी लोग समय-समय पर आजम के अखिलेश यादव से नाराज होने का माहौल बनाते रहते हैं. जबकि आजम के जेल जाने के बाद अखिलेश ने कहा था कि इंसाफ के खिलाफ उनके संघर्ष में वे खड़े रहे हैं और हमेशा खड़े रहेंगे.

उन्होंने बीजेपी सरकार पर आजम और उनके परिवार को प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है. आजम खान के कहने पर ही उन्होंने पूर्व कांग्रेस नेता और जाने माने वकील कपिल सिब्बल को राज्य सभा भेजा. सुप्रीम कोर्ट में आजम खान के केस की पैरवी सिब्बल ने की थी.

बेटे अब्दुल्ला आज़म के दो बर्थ सर्टिफिकेट के केस में आजम खान को सात साल की सजा हुई है. रामपुर के एमपी एमएलए कोर्ट ने आजम की पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला को भी सात सात साल की सजा दी है. अभी आजम सीतापुर जेल में हैं. जबकि उनके बेटे अब्दुल्ला को हरदोई जेल भेज दिया गया है. आजम की पत्नी तंजीन अभी भी रामपुर जेल में हैं.

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