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Free Sanitary Pads For Girls Class 6 To 12 Supreme Court Will Hear Petition Today 24 Jully

Supreme Court On Sanitary Pad: सुप्रीम कोर्ट सोमवार (24 जुलाई) को उस याचिका पर सुनवाई करने वाला है जिसमें कक्षा 6 से लेकर 12वीं में पढ़ने वाली लड़कियों को मुफ्त सैनिटरी पैड उपलब्ध कराने की मांग की गई है. याचिका में सभी सरकारी सहायता प्राप्त और आवासीय स्कूलों में अलग गर्ल्स वाशरूम की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए राज्यों और केंद्र को निर्देश देने को कहा गया है. 

सामाजिक कार्यकर्ता जया ठाकुर की याचिका पर चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की पीठ सुनवाई करेगी. कोर्ट ने इससे पहले केंद्र से स्कूलों में पढ़ने वाली लड़कियों के लिए मासिक धर्म स्वच्छता के प्रबंधन के लिए सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की तरफ से अपनाई जाने वाली एक मानक संचालन प्रक्रिया और एक राष्ट्रीय मॉडल तैयार करने को कहा था.

जया ठाकुर ने अपनी याचिका में कहा कि बहुत सी किशोर लड़कियां हैं जिन्हें मासिक धर्म के बारे में परिवार वाले एजुकेट नहीं करते हैं. उन्हें ज्यादा जानकारी नहीं मिल पाती है. ऐसे में स्कूलों की जिम्मेदारी है कि इन्हें एजुकेट किया जाए. 

मेंस्ट्रुअल हाइजीन पर क्या था आदेश?

पीठ ने अपने आदेश में कहा था, ”केंद्र को सभी राज्यों के साथ मिलकर यह देखना चाहिए कि एक समान राष्ट्रीय नीति लागू की जाए ताकि राज्य समायोजन के साथ इसे प्रभावी ढंग से लागू किया जा सके. हम सभी राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के सचिव, स्वास्थ्य मंत्रालय को निर्देश देते हैं कि वे चार सप्ताह के भीतर मेंस्ट्रुअल हाइजीन पॉलिसी को अपने स्वयं के कोष से लागू करें.”

वकील वरिंदर कुमार शर्मा के माध्यम से दायर याचिका में कहा गया था कि अपर्याप्त मेंस्ट्रुअल हाइजीन प्रबंधन शिक्षा के लिए एक बड़ी बाधा है. स्वच्छता सुविधाओं तक पहुंच की कमी, मासिक धर्म उत्पादों और मासिक धर्म से जुड़े सामाजिक व्यवहार के कारण कई लड़कियां स्कूल छोड़ देती हैं.

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