Nirmala Sitharaman Lashes Western Perception About Muslim Condition In India | अमेरिका में बैठकर निर्मला सीतारामन ने पश्चिमी एजेंडे की निकाल दी हवा, कहा

Nirmala Sitharaman In America: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने भारत में मुस्लिमों को लेकर पश्चिम देशों के चलाए जा रहे नकारात्मक एजेंडे को करारा जवाब दिया. सोमवार (10 अप्रैल) को अमेरिका की राजधानी वॉशिंगटन में एक कार्यक्रम में सीतारामन ने कहा कि भारत में मुस्लिम पड़ोस में ही रहे पाकिस्तान के मुस्लिमों से बहुत अच्छा कर रहे हैं.
सीतारामन रविवार को अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और विश्व बैंक की बैठकों में भाग लेने और जी 20 वित्त मंत्रियों और केंद्रीय बैंक के गवर्नरों की बैठक की अध्यक्षता करने के लिए वॉशिंगटन पहुंचीं. इस बार भारत जी 20 की अध्यक्षता कर रहा है.
‘भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी’
वित्त मंत्री वॉशिंगटन में पीटरसन इंस्टीट्यूट ऑफ इंटनेशनल इकोनॉमिक्स (PIIE) के एक कार्यक्रम में शामिल हुईं. इस दौरान पीआईआईई के अध्यक्ष एडम एस पोसेन ने भारत में विपक्षी दल के सांसदों के सदस्यता गंवाने और भारत में मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा को लेकर पश्चिमी मीडिया की व्यापक रिपोर्टिंग के बारे में पूछा तो वित्त मंत्री ने जवाब कहा- भारत में दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी मुस्लिम आबादी है और यह जनसंख्या लगातार बढ़ रही है. अगर ऐसी कोई धारणा है, या फिर वास्तव में ऐसा है जैसा कि इन लेखों (पश्चिमी मीडिया के) में कहा गया है कि राज्य के समर्थन से मुस्लिमों का जीवन मुश्किल बना दिया गया है, तो मेरा सवाल है कि क्या ऐसा हो सकता है, क्या 1947 की तुलना में मुस्लिम आबादी बढ़ रही होती?
पाकिस्तान का दिया उदाहरण
सीतारामन ने अपने जवाब के समर्थन में पाकिस्तान का उदाहरण दिया जो 1947 में भारत के बंटवारे के साथ ही अस्तित्व में आया था. उन्होंने बताया कि किस तरह पाकिस्तान के खुद को इस्लामिक देश घोषित करने के बावजूद, पाकिस्तान में न सिर्फ हर अल्पसंख्यक समूह की संख्या में कमी आई है बल्कि कुछ मुस्लिम संप्रदायों का भी सफाया हो गया है.
केंद्रीय मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में मुहाजिरों, शिया और हर दूसरा समूह, जिसे मुख्यधारा स्वीकार नहीं करता है, के खिलाफ हिंसा होती है, जबकि भारत में आप पाएंगे कि मुसलमानों का हर वर्ग अपना व्यवसाय कर रहा है, उनके बच्चे शिक्षित हो रहे हैं. सरकार द्वारा फैलोशिप दी जा रही है.”
डब्ल्यूटीओ से प्रगतिशील होने की अपील
साथ ही निर्मला सीतारामन ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) से भी अधिक प्रगतिशील होने का आग्रह किया. उन्होंने कहा, “मुझे अच्छा लगेगा कि डब्ल्यूटीओ अधिक प्रगतिशील हो, सभी देशों को अधिक सुने, और अधिक निष्पक्ष हो. इसे उन देशों की आवाज़ों को स्थान देना होगा जिनके पास कहने के लिए कुछ अलग है और न केवल सुनना है बल्कि कुछ हद तक ध्यान भी देना है.”
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