Charger Or Plug Pin Why Some Chargers Have Two Pins And Some Plug Have Three Pins Know Reason And History

आपने देखा होगा किसी प्लग या चार्जर में 2 पिन होती हैं तो किसी में 3 पिन होती हैं. क्या आपने कभी सोचा है कि ऐसा क्यों है? क्या आपने सोचा है कि सभी चार्जर में 2 या फिर सभी में 3 पिन क्यों नहीं दे दी जाती? दरअसल, भारत में, प्लग या चार्जर पर पिन की संख्या देश में उपयोग किए जाने वाले इलेक्ट्रिकल आउटलेट के टाइप और भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) के सेफ्ट्री स्टैंडर्ड पर निर्भर करती है. इस आर्टिकल में हम जानेंगे कि भारत में कुछ प्लग में दो पिन और कुछ में तीन पिन क्यों दिए जाते हैं.
दो-पिन वाले प्लग
भारत में आमतौर पर छोटे इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों जैसे मोबाइल फोन और कैमरों के लिए दो-पिन प्लग का इस्तेमाल किया जाता है. इस तरह के प्लग में दो पिन होते हैं जिन्हें दो स्लॉट वाले इलेक्ट्रिकल आउटलेट में फ़िट करने के लिए डिज़ाइन किया जाता है. दो पिन आमतौर पर गोल होते हैं और इनका व्यास 4.0 मिमी होता है. इन्हें यूरो प्लग भी कहा जाता है.
टू-पिन प्लग का इतिहास
भारत में टू-पिन प्लग से जुड़ा इतिहास काफी रोचक है. भारत में पहले ब्रिटिश स्टाइल का इलेक्ट्रिकल सिस्टम हुआ करता था, जिसमें तीन-पिन प्लग और सॉकेट होते थे. भारत की आजादी के बाद, भारत ने दूर-दराज के क्षेत्रों और गाँवों में बिजली पहुंचाने के लिए दो-पिन सिस्टम पर स्विच किया. दो-पिन सिस्टम पर खास तौर पर ऐसी जगहों पर स्विच किया गया जहां बिजली का बुनियादी ढांचा अच्छी तरह से डेवलप नहीं था. दो-पिन सिस्टम ने इंस्टॉल में आसान इलेक्ट्रिकल इंफ्रास्ट्रक्चर की सुविधा दी.
तीन-पिन वाले प्लग
तीन-पिन प्लग भी आमतौर पर भारत में उपयोग किए जाते हैं. खास तौर पर रेफ्रिजरेटर, एयर कंडीशनर और वाशिंग मशीन जैसे भारी विद्युत उपकरणों के लिए इनका इस्तेमाल होता है. इन प्लग में तीन पिन होते हैं. इसे इलेक्ट्रिकल आउटलेट में ग्राउंडिंग स्लॉट में फिट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. थ्री-पिन प्लग का इस्तेमाल मुख्य रूप से सिक्योरिटी रीजन से होता है. दरअसल, तीन पिन वाले प्लग में ऊपर की लंबी और गोल पिन को अर्थ पिन कहते हैं. अर्थ पिन डिवाइस को धरती (Earth) से जोड़कर अतिरिक्त स्तर की सुरक्षा प्रदान करता है. इससे शॉर्ट सर्किट या पावर सर्ज जैसी खराबी के मामले में, एक्स्ट्रा इलेक्ट्रिसिटी डिवाइस से गुजरने के बजाय पृथ्वी पर चली जाती है, जिससे बिजली के झटके या आग लगने का खतरा कम हो जाता है.
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BIS ने भारत में बिजली के डिवाइस और प्लग के लिए सख्त सिक्योरिटी बनाई हुई है. BIS के अनुसार, सभी भारी इलेक्ट्रिक डिवाइस में तीन-पिन प्लग हों और यह कि अर्थ पिन पृथ्वी से ठीक से जुड़ा हो. 5 एम्पीयर से अधिक बिजली की खपत करने वाले सभी डिवाइस के लिए तीन-पिन प्लग का उपयोग अनिवार्य है.
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