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5 साल पहले नगर निगम ने दुकान तोड़ी, नई अलॉट नहीं की… सदमे में व्यापारी की मौत | businessman died of shock due to not being allotted new shop by nagar nigam in saharanpur stwas

5 साल पहले नगर निगम ने दुकान तोड़ी, नई अलॉट नहीं की... सदमे में व्यापारी की मौत

व्यापारी की मौत से सदमे में परिवार.

सहारनपुर के मंडी थाना क्षेत्र के जवाहर पार्क में रहने वाले बुजुर्ग सुरेंद्र कुमार जुनेजा पर दुखों का पहाड़ टूट गया है. सुरेंद्र कुमार के बेटे विवेक जुनेजा की आकस्मिक मौत ने पूरे परिवार को तोड़ कर रख दिया है. विवेक जुनेजा का पूरा परिवार उसकी मौत के लिए सहारनपुर नगर निगम को जिम्मेदार ठहरा रहा है. वहीं युवा व्यापारी की इस मौत के लिए बीजेपी विधायक और मेयर भी नगर निगम के बड़े अधिकारी और कर्मचारियों को ही दोषी मान रहे हैं. वहीं पीड़ित परिवार अब इंसाफ की गुहार लगा रहा है.

मृतक युवा व्यापारी विवेक जुनेजा के बुजुर्ग पिता सुरेंद्र जुनेजा बताते हैं कि सहारनपुर के पुल खुमरान इलाके में उनकी एक मिठाई की शॉप हुआ करती थी, जो करीब 60 साल पुरानी थी. उसी दुकान से ही पूरे परिवार का भरण-पोषण हुआ करता था. सन 2018 में खुमरान पुल के चौड़ीकरण को लेकर दुकान को नगर निगम ने तोड़ दिया था. साथ ही आश्वासन दिया गया था कि आपको इसी जगह पर दुकान बनाकर देंगे या फिर कहीं और दुकान अलॉट कर दी जाएगी.

5 साल नगर निगम के चक्कर काटता रहा परिवार

2018 से लेकर 2023 तक लगातार विवेक जुनेजा और उनका परिवार नगर निगम के अधिकारियों के चक्कर काटता रहा. व्यापार ठप होने और काम न होने की वजह से विवेक जुनेजा पूरी तरह से डिप्रेशन में आ गया. उसके बाद वह बीमार रहने लगा. घर के अंदर जितनी भी पूंजी थी, सब परिवार वालों ने विवेक की बीमारी पर खर्च कर दी. कुछ दिन पहले ही विवेक की बीमारी के लिए परिवार वालों ने घर को गिरवी रखकर लाखों रुपए का लोन भी लिया था, लेकिन विवेक जुनेजा की लगातार डिप्रेशन बढ़ने की वजह से हालत खराब होती चली गई और कुछ दिन पहले इसी सदमे में आकर विवेक ने दम तोड़ दिया.

व्यापारी की दुकान तोड़ी, लेकिन अलॉट नहीं की गई

विवेक की मौत की वजह से पूरे परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा. परिवार वालों का रो-रो कर बुरा हाल है. परिवार वाले विवेक की मौत को लिए सहारनपुर नगर निगम के अधिकारियों को ही जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. हालांकि नगर निगम के अधिकारियों का दावा है कि विवेक को दुकान अलॉट कर दी गई थी, लेकिन इसके विपरीत परिवार वालों का आरोप है कि नगर निगम के इतने चक्कर काटने के बावजूद भी दुकान अलॉट नहीं की गई और इसी की वजह से विवेक की मौत हो गई.

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परिवार वाले अब इंसाफ की गुहार लगा रहे हैं. साथ ही दोषी अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं. विवेक के परिवार में उसके बुजुर्ग मां-बाप उसके दो छोटे बच्चे और पत्नी और बहनें हैं. सबकी जिम्मेदारी विवेक के ही कंधों पर थी, लेकिन विवेक को दुकान खोने का इतना बड़ा सदमा लगा कि अब वह उनके बीच में नहीं रहा.

BJP MLA ने नगर निगम अधिकारियों को ठहराया जिम्मेदार

वहीं बीजेपी विधायक राजीव गुंबर और मेयर डॉ. अजय सिंह भी नगर निगम के अधिकारियों को ही इसके लिए जिम्मेदार मान रहे हैं. मेयर तो इतना कह रहे हैं कि यह पूरा एक क्रिमिनल केस है. इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जा रही है और इसमें जो अधिकारी या कर्मचारी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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वहीं बीजेपी विधायक राजीव गुंबर भी इस पूरे मामले के लिए सहारनपुर की नगर आयुक्त गजल भारद्वाज को ही दोषी मान रहे हैं. विधायक राजीव कुमार का कहना है कि इस पूरे मामले की जांच करवाई जाएगी और इस मामले को विधानसभा में भी उठाएंगे. जो भी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई कराई जाएगी.

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