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3 राज्य, 60 से अधिक केस और कई खूनी कारनामे… कहानी माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की | know about mafia don mukhtar ansari biography whose family political career stwas

3 राज्य, 60 से अधिक केस और कई खूनी कारनामे... कहानी माफिया डॉन मुख्तार अंसारी की

मुख्तार अंसारी की बांदा मेडिकल कॉलेज में मौत.

6 फीट 2 इंच की हाइट वाले मुख्तार अंसारी का कद किसी से छिपा नहीं है. पूर्वांचल का बाहुबली, माफिया डॉन कहलाने वाला मुख्तार अंसारी 5 बार विधायक रह चुका है. देश के 3 राज्यों में 65 मुकदमे दर्ज हैं. आठ मामलों में सजा हो चुकी है. 19 साल से जेल की हवा काट रहा था. फिर भी यूपी में माफियागिरी का जो मॉडल है, वो मुख्तार के नाम से ही जाना जाता है. चाहे जेल में बंद हो या बाहर हमेशा माफियागिरी मुख्तार अंसारी की ही चली. यूपी या यूपी के बाहर जिस भी जेल में मुख्तार होता था, वहीं उसका क्राइम हेडक्वार्टर बन जाता था. पढ़ें मुख्तार के माफिया से विधायक और फिर जेल में अंत होने तक का सफर…

पूर्वांचल में बाहुबलियों में मुख्तार अंसारी का नाम बहुत बड़ा है. मुख्तार अंसारी का जन्म 30 जून साल 1963 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ था. उसके पिता सुब्हानउल्लाह अंसारी वामपंथी विचारधारा के नेता थे. साफ-सुधरी छवि के कारण मुख्तार अंसारी के पिता 1971 में हुए नगर पालिका चुनाव में निर्विरोध जीत हासिल की थी, जबकि मुख्तार के दादा डॉक्टर मुख्तार अहमद अंसारी स्वतंत्रता सेनानी थे. वे अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी रहे थे.

माफिया डॉन मुख्तार अंसारी के नाना भी जाने-माने हस्ती थे. ‘नौशेरा का शेर’ नाम से मशहूर उसके नाना ब्रिगेडियर उस्मान मुख्तार अंसारी 3 जुलाई साल 1948 को पाकिस्तान के साथ हुई जंग में शहीद हो गए थे. बाद में उन्हें ‘महावीर चक्र’ से भी सम्मानित किया गया था. इसके अलावा देश के पूर्व उप-राष्ट्रपति हामिद अंसारी भी रिश्ते में मुख्तार के चाचा लगते हैं.

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मुख्तार अंसारी के खिलाफ 65 मुकदमे दर्ज

एक समय मुख्तार अंसारी का गढ़ यूपी का पूर्वांचल माना जाता था. उसके खिलाफ गुनाहों की लंबी लिस्ट है. उत्तर प्रदेश पुलिस के मुताबिक, देशभर में मुख्तार अंसारी पर कुल 65 केस दर्ज हैं, जिसके कारण वह तकरीबन 19 साल से जेल में बंद रहा. यूपी सरकार ने मुख्तार अंसारी पर कार्रवाई करते हुए उसकी 192 करोड़ की संपत्ति को ध्वस्त और जब्त कर लिया है. पुलिस ने अब तक उसके गैंग के 95 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें 75 लोगों पर गुंडा एक्ट के तहत कार्रवाई हो रही है.

मुख्तार का परिवार राजनीति में सक्रिय

मुख्तार अंसारी ने दो बार बसपा, तीन बार निर्दलीय चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. पूर्वांचल के मऊ, बलिया, गाजीपुर, चंदौली, आजमगढ़ और वाराणसी समेत कई अन्य जिलों में मुख्तार का दबदबा रहा. वर्तमान में मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी गाजीपुर से सांसद हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में वह सपा के टिकट पर गाजीपुर से ताल ठोंक रहे हैं. मुख्तार का बड़ा बेटा अब्बास अंसारी मऊ सदर विधानसभा सीट से विधायक है, जबकि भतीजा सुहैब अंसारी भी गाजीपुर की मोहम्मदाबाद सीट से विधायक है.

पूर्वांचल में अपने दम पर माफियाराज चलाया

1985 में मुख्तार के बड़े भाई अफजाल अंसारी मोहम्मदाबाद विधानसभा से चुनाव जीते थे. मुख्तार अंसारी इस दौरान स्कूल में था. गाजीपुर इंटर कॉलेज में पढ़ने के दौरान ही मुख्तार अंसारी ने साधू सिंह का गिरोह जॉइन कर लिया. उस समय पूर्वांचल में सरकार का राज कम माफियाराज ज्यादा चल रहा था. साधू सिंह की गैंग में रहने के दौरान मुख्तार अंसारी की माफिया ब्रजेश सिंह से अदावत हो गई. कॉलेज के दिनों की यह दुश्मनी कुछ ही सालों में खूंखार गैंगवार में तब्दील हो गई.

मऊ सदर सीट पर कभी नहीं हारा मुख्तार अंसारी

1996 में मऊ से मुख्तार अंसारी ने बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ा और जीता भी. इसके बाद लगातार पांच बार मऊ सदर सीट से ही चुनाव लड़ा और जीत हासिल की. राजनीति में आने के बाद मुख्तार अंसारी ने पार्टियां बदलीं, लेकिन चुनाव के नजीते नहीं बदले. मऊ सदर सीट से मुख्तार अंसारी ही जीतता रहा. मुख्तार की आय का जरिया विधायक निधि फंड से ज्यादा गुंडा टैक्स, रंगदारी टैक्स और ठेका टैक्स जैसे कई अन्य आय के जरिए थे. कुछ ही सालों में जरायम की दुनिया में मुख्तार एक बड़ा नाम हो चुका था.

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