14 मौतें, 62 घायल… 18 साल पहले आतंकियों ने कैसे श्रमजीवी एक्सप्रेस में किया था विस्फोट? | UP Jaunpur Patna to Delhi shramjeevi express bomb blast two more guilty in case know in depth stwn


श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में दोनों आतंकी दोषी करार.
उत्तर प्रदेश के जौनपुर में 18 साल पहले हुए श्रमजीवी एक्सप्रेस ब्लास्टकांड से जुड़े दो आरोपी शुक्रवार को दोषी करार दिए गए हैं. 14 मासूम लोगों की मौत के जिम्मेदार आतंकी ओबैदुर रहमान और आलमगीर उर्फ रोनी को कोर्ट पहले ही फांसी की सजा सुना जा चुका है. जबकि एनकाउंटर में एक आरोपी मारा जा चुका है. इस हादसे को काफी वक्त बीत गया लेकिन, लोगों के जेहन में अभी भी दर्द बाकी है. यहां जानिए कैसे आतंकियों ने इस वारदात को अंजाम दिया था.
मामला करीब 18 साल पुराना है जब पटना से दिल्ली जा रही श्रमजीवी एक्सप्रेस में बम ब्लास्ट हुआ था. सूत्रों की मानें तो आतंकियों ने भारत को तबाह करने और जेहाद फैलाने के लिए जगह-जगह बम ब्लास्ट करने की योजना बनाई थी. श्रमजीवी एक्सप्रेस में बम ब्लास्ट के लिए बांग्लादेशी आतंकी ओबैदुर रहमान, आलमगीर, हिलाल, शरीफ, डॉ सईद और उसके साथियों ने भारत को दहलाने की साजिश रची थी.
बांग्लादेश से ये सभी आतंकी सीमा पर बसे गांव बिसरौली से होते हुए पद्मा नदी को पार करके भारत बॉर्डर के अंदर घुसे थे. आतंकियों ने पश्चिम बंगाल निवासी नफीकुल विश्वास और उसके साथी से मुलाकात की थी. नफीकुल विश्वास और उसके साथी की मदद से सभी बंगलादेशी आतंकी पटना पहुंचे. पटना के खुशरूपुर स्टेशन के पास मियांटोला में पहुंचकर आतंकियों ने ब्लास्ट का सामान इकट्ठा किया.
यहां से खरीदा था आतंक का सामान
बांग्लादेशी आतंकियों ने पटना के खुशरूपुर स्टेशन के पास स्थित मियांटोला पहुंचकर नफीकुल विश्वास की मदद से वहां से बम बनाने के लिए आरडीएक्स, अटैची, घड़ी, टाइमर, विस्फोटक व आतंक फैलाने के लिए अन्य जरूरी सामान खरीदा था. पटना से आतंक का सामान ख़रीदने के बाद भारत को दहलाने के लिए आतंकियों ने पटना से दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस को चुना. ट्रेन में विस्फोट करने के लिए आतंकियों को अलग-अलग जिम्मेदारी दी गई थी. इस कांड को अन्जाम देने में रोनी, नफीकुल विश्वास, हिलाल और शरीफ उर्फ कंचन पटना स्टेशन पहुंचे. याहिया ने बम बनाया उसे ट्रेन में रखने की जिम्मेदारी हिलाल और रोनी की मिली. आतंकी कंचन उर्फ शरीफ ने ट्रेन की रेकी की थी.
जनरल बोगी में रखा था बम
भारत को दहलानें के लिए उपरोक्त आतंकियों ने पटना स्टेशन पहुंचकर पटना से दिल्ली जाने वाली श्रमजीवी एक्सप्रेस में इंजन के पास दूसरी जनरल बोगी को चुना. आतंकियों ने सीट संख्या 84, 85, 86 और 87 के नीचे अटैची में बम रखा था. 28 जुलाई 2005 को जौनपुर के सिंगरामऊ थाना क्षेत्र के हरिहरपुर रेलवे स्टेशन के क्रासिंग पर पहुंचते ही शाम 5 बजकर 20 मिनट पर श्रमजीवी एक्सप्रेस की जनरल बोगी में ब्लास्ट हुआ था. ब्लास्ट के बाद अफरा-तफरी मच गयी थी. हादसे में 14 यात्री मारे गए थे जिसमे 2 जौनपुर के रहने वाले थे. जबकि 62 यात्री घायल हुए थे.
बम बनाने वाला एनकाउंटर में ढेर
ट्रेन में हुए बम ब्लास्ट के बाद ट्रेन के गार्ड मो. जफर अली ने केस दर्ज कराया था. घटना के बाद पुलिस ने घायल यात्रियों की मदद से आरोपी का स्केच जारी किया था. यात्रियों द्वारा बताये गए हुलिये से बने स्केच के आधार पर दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने आलमगीर उर्फ रोनी को गिरफ्तार किया था. आलमगीर की मदद से इस विस्फोट कांड से जुड़े बाकी तीन आतंकियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. चारों आरोपी जेल में बन्द हैं.
2 जनवरी को सजा
श्रमजीवी बम विस्फोट कांड में दोषी पाये जाने पर आरोपी ओबैदुर रहमान और आलमगीर उर्फ रोनी को कोर्ट ने मृत्युदंड की सजा सुनाई है. शुक्रवार को कोर्ट ने आरोपी बांग्लादेशी आतंकी हिलालुद्दीन व पश्चिम बंगाल के रहने वाले नफीकुल विश्वास को दोषी करार दिया है. दोनों आरोपियों को सजा सुनाने के लिए कोर्ट ने 2 जनवरी 2024 की तारीख नियत की है. इस कांड से जुड़े आरोपी याहिया को दिल्ली पुलिस द्वारा एनकाउंटर में मारा जा चुका है.
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