सपा महासचिव रामगोपाल यादव ने मंच से किया विंग कमांडर व्योमिका सिंह की जाति का जिक्र, मचा बवाल


सपा महासचिव राम गोपाल यादव
कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देकर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री विजय शाह मुसीबत में घिरे हुए हैं. इस मामले पर बीजेपी को घेरते हुए समाजवादी पार्टी के महासचिव रामगोपाल यादव ने कुछ ऐसा बोल दिया है, जिससे विवाद छिड़ चुका है. रामगोपाल ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह को लेकर जातिसूचक टिप्पणी की है. हैरानी की बात ये भी है कि जब रामगोपाल व्योमिका सिंह की जाति बता रहे थे तो उन्हें दिव्या सिंह नाम से बुला रहे थे.
मंच से सेना के अधिकारियों की जाति बताते हुए सपा महासचिव कहते हैं, इनके (बीजेपी) एक मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी को गाली तक दी. हाई कोर्ट ने एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया. इसके बाद व्योमिका सिंह को दिव्या सिंह बताते हुए रामगोपाल कहते हैं, दिव्या सिंह के बारे में इनको मालूम नहीं था कि वो कौन हैं. एयर ऑपरेशन के इंचार्ज अवधेश कुमार के बारे में भी इन्हें नहीं मालूम था, वरना उनको भी गाली देते.
तीनों तो पीडीए के हैं
मंच से व्योमिका सिंह को कई बार दिव्या सिंह बता चुके रामगोपाल यादव को जब पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं ने टोका तो उन्होंने सही नाम लिया. इसके बाद कास्ट बताने के लिए जातिसूचक शब्द का इस्तेमाल किया. फिर कहा कि एयर मार्शल भारती पूर्णिया के यादव हैं. तीनों तो पीडीए के हैं. एक को मुसलमान समझकर गाली दी. एक को राजपूत समझकर कुछ नहीं कहा और भारती के बारे में जब अखबार में आ गया तो ये सोचने पर मजबूर हैं कि अब क्या करें.
मानसिकता जब खराब होती है
मानसिकता जब खराब होती है तो लोग सेना की उपलब्धियां बताने के बजाय अपनी उपलब्धियां बताने लगते हैं. ये बातें रामगोपाल यादव ने यूपी में मुरादाबाद जिले के बिलारी विधानसभा क्षेत्र में कहीं. मौका था प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव की याद में मूर्ति स्थापना का, जिसके शिलान्यास कार्यक्रम में रामगोपाल पहुंचे थे. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव ने मंच से लोगों को संबोधित किया.
इस दौरान पहले तो व्योमिका सिंह को दिव्या सिंह कहकर संबोधित किया. बाद में मंच पर बैठे सपा सांसद आदित्य यादव के टोकने पर व्योमिक सिंह और सोफिया कुरैशी पर बोलते हुए कहा, आपको बता दूं व्योमिका सिंह हरियाणा की जाटव हैं. एयर मार्शल पूर्णिया जिले के यादव हैं. एक को मुसलमान समझकर गालियां दीं. एक को राजपूत समझकर कुछ नहीं कहा और भारती के बारे उन्हें पता नहीं था.