उत्तर प्रदेशभारत

शाह योगी की ये मुलाकात है खास, ‘मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक’ से निकलेगा ‘सेंट्रल की सत्ता’ का रास्ता? | Amit Shah Yogi Central Regional Council meeting central power

शाह-योगी की ये मुलाकात है खास, 'मध्य क्षेत्रीय परिषद बैठक' से निकलेगा 'सेंट्रल की सत्ता' का रास्ता?

फोटोः अमित शाह और योगी.Image Credit source: tv9 Hindi

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की सरपरस्ती में मध्य क्षेत्रीय परिषद की इस बार की बैठक को तकनीकी तौर पर नहीं बल्कि रणनीतिक तौर पर देखा जाना चाहिए. क्योंकि, इस मीटिंग में प्रोटोकॉल के लिहाज से यूपी, उत्तराखंड, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री शामिल होंगे. लेकिन, असली मंथन इस बैठक के बाद शुरू होगा. शाह की अहम चर्चा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के साथ होगी.

सबसे पहले आपको बताते हैं कि शाह की ये बैठक सरकारी मीटिंग होने के बावजूद अहम क्यों है? दरअसल, 7 अक्टूबर को मध्य क्षेत्रीय परिषद की बैठक टिहरी के नरेंद्र नगर में है. ये मीटिंग सीमावर्ती राज्यों के बीच सड़क, सुरक्षा, पानी, बिजली, परिवहन समेत तमाम मुद्दों पर संगठित समन्वय के लिए होती है. लेकिन, इस बैठक के इर्द-गिर्द भी कुछ अहम मुलाकातें और बातें होनी तय हैं. सबकी नजर इन्हीं मुलाकातों पर हैं.

2024 से पहले योगी-शाह-धामी का ‘मंथन’!

गृह मंत्री अमित शाह के साथ हिंदुत्व के दो पोस्टर ब्वॉय की मुलाकात सामान्य नहीं है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और उत्तराखंड के सीएम पुष्कर धामी के साथ लोकसभा चुनावों पर भी चर्चा होगी. खबर है कि लोकसभा चुनावों में पार्टी के अलग-अलग विंग के नेताओं को शाह 2024 के लिए चुनावी मंत्र देंगे. इसके अलावा INDIA गठबंधन से निपटने के लिए मुद्दों और सियासी मोर्चेबंदी पर भी कुछ टिप्स दे सकते हैं.

मध्य क्षेत्रीय परिषद की मीटिंग के बाद क़रीब तीन घंटे तक गृह मंत्री शाह पार्टी पदाधिकारियों के साथ मंथन करेंगे. वो प्रदेश BJP मुख्यालय भी पहुंचेंगे और पार्टी नेताओं के साथ चर्चा करेंगे. मध्य क्षेत्रीय परिषद की मीटिंग के बाद गृह मंत्री शाह की बैठकों का एजेंडा 360 डिग्री टर्न लेगा. वो एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़, तेलंगाना और मिजोरम के विधानसभा चुनाव पर चर्चा जरूर करेंगे. इसके अलावा लोकसभा चुनाव की तैयारियों को लेकर भी सियासी मंत्र देंगे.

योगी हिंदुत्व पर प्रखर, सनातन पर मुखर

उत्तराखंड में पार्टी कार्यकर्ताओं और अपने मुख्यमंत्रियों के साथ गृह मंत्री शाह का मंथन कई मायनों में खास है. यहां उनकी चर्चा यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से होगी. योगी हिंदुत्ववादी सियासत को लेकर सबसे प्रखर हैं. यूपी समेत देश के तमाम चुनावी राज्यों में पार्टी उन्हें हार्डकोर हिंदुत्व की ड्राइविंग सीट पर बिठाती है. 80 लोकसभा सीटों के साथ केंद्र की सत्ता का बड़ा रास्ता यूपी से ही तय होगा. इसलिए सीएम योगी के साथ गृह मंत्री शाह की चर्चा अहम है.

हिंदुत्व के साथ-साथ ‘सनातन पॉलिटिक्स’ पर भी योगी मुखर हैं. 2024 के नज़रिये से विपक्षी गठबंधन INDIA ने जातिगत जनगणना और OBC पॉलिटिक्स पर जोर देना शुरू कर दिया है. इसके जवाब में सीएम योगी कह चुके हैं कि सनातन में सब हिंदू हैं. यानी विपक्ष की जाति वाली सियासत के खिलाफ योगी और BJP सनातन को अपने मंथन और चुनावी मिशन का हिस्सा बनाएंगे. योगी लगातार सनातन परंपरा को हिंदू जीवन की आधारशिला बताते रहे हैं. ऐसे में इस बार इसे चुनावी मुद्दा बनाने के लिए उत्तराखंड में विमर्श हो सकता है.

UCC और बुलडोज़र’ की धार पर बढ़ते धामी!

सीएम योगी की तरह उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी हिंदुत्व की धार पर तेजी से बढ़ रहे हैं. वो UCC के मुद्दे पर शुरुआत से ही मुखर रहे हैं. राज्य में कमेटी बनाने से लेकर इसे लागू करने की बात वो हमेशा से कहते रहे हैं. UCC पर धामी का अंदाज-ए-बयां बहुत कुछ साफ कर देता है. वो उत्तराखंड में पिछले कई दशक से चल रहे ‘सॉफ्ट हिंदुत्व’ को लेकर अब एक नई लकीर खींच रहे हैं. इसमें वो हिंदुवादी मुद्दों की पुरजोर पैरवी करते हैं.

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड में अवैध कब्जे वाली तमाम मज़ारों और इमारतों पर बुलडोज़र चलवाया है. इसके अलावा लव जिहाद वाले मुद्दे पर भी वो कई बार सख्त रुख सार्वजनिक रूप से जाहिर कर चुके हैं. पहचान छिपाकर उत्तराखंड में रहने वालों के खिलाफ अभियान चलाना और सत्यापन की कार्रवाई को लेकर विपक्ष ने कई सवाल उठाए. लेकिन, धामी पीछे नहीं हटे. हार्डकोर हिंदुत्व की राह पर वो जिस तरह बढ़ रहे हैं, उसके जरिये पार्टी कोई बड़ा ‘राजनीतिक प्रयोग’ भी प्लान कर सकती है.

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button