‘वो दबे पांव आता, बच्चों को उठा ले जाता’… ग्रामीणों ने बताई भेड़ियों के खौफ की कहानी – Hindi News | People fear man eating wolves in Bahraich Uttar Pradesh News stwash


बहराइच में भेड़ियों के हमले से अब तक 7 बच्चों की मौत.
उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में आदमखोर भेड़ियों का आतंक लगातार जारी है. बहराइच के करीब 35 गांव में इन आदमखोर भेड़ियों का आतंक है. सोमवार की रात अपने शिकार की तलाश में घूमते हुए ये आदमखोर भेड़िए अलग-अलग गांव पहुंचे. आदमखोर भेड़ियों ने अब तक चार लोगों पर हमला किया. इनमें एक 5 साल के बच्चे आयांश को नोच कर भेड़िया खा गए, जबकि तीन बच्चे बुरी तरह जख्मी हो गए हैं.
आयांश के माता-पिता ने बताया कि कृष्ण जन्माष्टमी यानि सोमवार की रात यह भूखे भेड़िए अपने शिकार की तलाश में थे. रात को करीब 2:00 बजे गांव में पहुंचे. उन्होंने कहा कि आयांश मेरे साथ सो रहा था. अचानक आयांश को भेड़िए ने अपने मुंह में दबाया और चुपके से लेकर जंगल में चला गया. थोड़ी देर बाद जब हम उठे तो देखा की आयांश हमारे पास नहीं है. इसके बाद गांव वालों को जगाया गया और आयांश की तलाश शुरू की.
करीब 3 घंटे बाद आयांश की लाश जंगल में मिली. आदमखोर भूखे भेड़ियों ने आयांश की लाश को कई जगह से खा लिया था. अयांश की लाश घर से लगभग 1 किलोमीटर की दूरी पर मिली. अयांश की मौत पर परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल है.
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गांव के लोगों ने क्या कहा?
कृष्ण जन्माष्टमी की रात ही भूखे भेड़िए बरोही गांव में पहुंचे, जहां पर 2 साल की बच्ची हरियाली अपने माता-पिता के साथ सो रही थी. चुपके से आदमखोर भेड़िया ने हरियाली को मुंह में दबा कर ले जाने की कोशिश की लेकिन घर वाले जाग गए. भेड़िए ने हरियाली को कई जगह नाखून और दांत मार रखे थे. हरियाली के सर में भी दांत लगे थे. हरियाली के घर वालों का कहना है कि वह बेहद डरावना जानवर था. घरों में दरवाजे नहीं है इसीलिए मजबूरी में खुले में सोना पड़ता है जहां पर भेड़िए ने अटैक किया.
शोर मचाने के बाद भी नहीं भागा भेड़िया
जब भूखे भेड़िए हरियाली को अपना शिकार नहीं बना पाए तो वह इस बरोही गांव में चिंताराम के घर के अंदर भी चुपके से दाखिल हुए ,जहां पर उसकी 10 साल की बेटी खुले में सो रही थी. जैसे ही भेड़िया ने बच्ची पर हमला किया तो उसके पिता जाग गए. उन्होंने बच्ची को बचाने की कोशिश की लेकिन भेड़िया वहीं डटा रहा. काफी देर तक उसने बच्ची को मुंह में दबा कर ले जाने की कोशिश की लेकिन शोर होने पर भाग गया. शिवानी के भी कई जगह भेड़िए ने पंजा मार कर घायल कर दिया. चिंताराम का कहना है कि गरीबी होने की वजह से घर में दरवाजे नहीं जिस वजह से खुले में सोना पड़ता था, जहां यह भेड़िया आ गया. फिलहाल यह बच्ची खुशनसीब है कि भेड़िए का शिकार होने से बच गई.