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लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बढ़ाया अखिलेश यादव का कॉन्फिडेंस, लंदन से लौटते ही लेंगे ये फैसला | Akhilesh yadav to Meet UP Speaker Satish mahana for disqualification of 7 Samajwadi Party MLA london visit

लोकसभा चुनाव के नतीजों ने बढ़ाया अखिलेश यादव का कॉन्फिडेंस, लंदन से लौटते ही लेंगे ये फैसला

सपा प्रमुख अखिलेश यादव

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने अपने बागी विधायकों को लेकर अपना स्टैंड बदल लिया है. इन विधायकों ने राज्यसभा के चुनाव के दौरान क्रॉस वोटिंग की थी. कुछ विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पक्ष में वोट किया था तो कुछ मतदान करने ही नहीं पहुंचे थे. ऐसे में राज्यसभा के चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा और बीजेपी के प्रत्याशी संजय सेठ चुनाव जीत गए.

अपने विधायकों के रवैये से नाराज अखिलेश यादव ने तब कहा था कि इन विधायकों का हिसाब जनता करेगी. पार्टी के बागी विधायकों को लेकर उन्होंने कहा था कि वे उनकी सदस्यता खत्म करने की पहल नहीं करेंगे. लेकिन अब उन्होंने अपना मन बदल लिया है.

लोकसभा चुनाव के बाद बदला मन

जून महीने की शुरुआत में लोकसभा चुनाव में मिली शानदार कामयाबी के कारण उनका मन बदल गया है. अभी वे देश से बाहर हैं और लंदन से लौटकर आने के बाद वे इन बागी विधायकों के खिलाफ विधानसभा स्पीकर सतीश महाना से मिल सकते है. वे चाहते हैं कि बागी विधायकों की सीटों पर उपचुनाव कराया जाए.

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उनके एक करीबी नेता ने बताया, “अखिलेश यादव चाहते हैं कि इन सबको चुनाव में हराया जाए. अभी यूपी के राजनीतिक हालात भी समाजवादी पार्टी के पक्ष में है. समाजवादी पार्टी अपने 7 विधायकों की सदस्यता को खारिज करवाएगी. विधानसभा के स्पीकर के सामने जल्दी ही याचिका दाखिल होने वाली है. अगर इन विधायकों की विधायकी गई तो इन सीटों पर उपचुनाव कराना होगा.

पल्लवी पटेल पर फैसला अभी नहीं

समाजवादी पार्टी ने राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी को वोट देने वाले और लोकसभा चुनाव में बीजेपी के मंच पर मौजूद रहे और बीजेपी का प्रचार करने वाले अपने विधायकों के बकायदा वीडियो तथा ऑडियो सहित सभी तरह के सबूत जुटाए हैं. ऐसे में सपा के सात विधायक (मनोज पांडेय, राकेश सिंह, अभय सिंह, राकेश पांडेय, विनोद चतुर्वेदी, पूजा पाल, आशुतोष) हैं जिनकी सदस्यता जा सकती है.

पल्लवी पटेल को लेकर निर्णय अभी नहीं हुआ. तकनीकी रूप से अगर सपा उनके खिलाफ याचिका देती है तो पल्लवी की भी विधायकी जाएगी क्योंकि वो दूसरी पार्टी के मंच से प्रचार कर रही थीं. उन्होंने असदुद्दीन ओवैसी के साथ कई बार मंच साझा किया था.

अब इन विधायकों की किस्मत का फैसला स्पीकर सतीश महाना के हाथ में है. अगर इन सबकी विधायकी गई तो उपचुनाव होंगे. लोकसभा चुनाव के परिणाम के आधार पर देखें तो इन सबके इलाके में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा है. इसलिए बीजेपी में इन क्षेत्रों में स्थिति कमजोर हो गई है.

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