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लाउडस्पीकर डाउन, उज्जैन में तोड़ा मिथक…योगी की राह पर मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव | CM Mohan Yadav UP CM Aditya Nath Yogi Loudspeaker down myth broken in Ujjain Mahakal

लाउडस्पीकर डाउन, उज्जैन में तोड़ा मिथक...योगी की राह पर मध्य प्रदेश के नए सीएम मोहन यादव

सीएम योगी और सीएम मोहन यादव.

मध्य प्रदेश के नए सीएम डॉ मोहन यादव उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की राह पर चल रहे हैं. सीएम की कुर्सी पर ताजपोशी के बाद अपने पहले फैसले में मोहन यादव ने उत्तर प्रदेश की तरह ही मध्य प्रदेश में भी सार्वजनिक और धार्मिक स्थानों पर लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी. इसी के साथ खुले में मांस और मछली की बिक्री पर रोक का आदेश जारी किया गया. उत्तर प्रदेश की तरह मध्य प्रदेश में भी बुलडोजर एक्शन की चेतावनी दी गई. योगी की राह पर चल रहे एमपी के नए सीएम हर दिन मिथक तोड़ रहे हैं और नए फैसले ले रहे हैं.

मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 18 सालों तक सीएम पद पर रहे थे. लेकिन उन्होंने कभी भी महाकाल की नगरी उज्जैन में रात नहीं बिताई थी, क्योंकि ऐसा मान्यता है कि उज्जैन के राजा महाकाल हैं और महाकाल के अतिरिक्त कोई दूसरा राजा उज्जैन में नहीं रह सकता है, लेकिन सीएम डॉ मोहन यादव ने इस मान्यता को तोड़ा. डॉ मोहन यादव ने शपथ समारोह के बाद रात उज्जैन में बिताई. शनिवार को उज्जैन में जुलूस के बाद भी रात्रि विश्राम उज्जैन में अपने घर में ही किया. उन्होंने कहा कि उज्जैन के राजा महाकाल ही हैं. वह तो महाकाल के सेवक और संतान हैं. वह बचपन से महाकाल की सेवा करते आ रहे हैं.

जिस तरह से उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने नोएडा के मिथक को तोड़ा था और लखनऊ की जगह रात नोएडा में बिताई थी. उसी तरह से एमपी के नए सीएम ने भी मध्य प्रदेश का यह मिथक तोड़ दिया कि एमपी का मुख्यमंत्री रात को उज्जैन में रात नहीं बिता सकता है.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े हैं दोनों नेता

बता दें कि डॉ मोहन यादव का भी उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ की तरह ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का बैकग्राउंड रहा है. वह आरएसएस के काफी करीबी माने जाते हैं. जब वह राज्य के शिक्षा मंत्री थे, तो उन्होंने रामचरित मानस को पाठ्यक्रम में शामिल करने का प्रस्ताव दिया था और जब से सीएम पद पर आसनी हुए हैं, कहा जा रहा है कि वह बीजेपी के हिंदुत्व के एजेंडे पर काम कर रहे हैं.

डॉ मोहन यादव के शपथ ग्रहण समारोह के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के साथ-साथ यूपी के सीएम भी उपस्थित थे. मंच पर पहुंचने के बाद शाह से लेकर नड्डा और डॉ मोहन यादव ने मंच पर मौजूद संतों को पहले नमस्कार किया था. उसके बाद शपथ ग्रहण समारोह शुरू हुआ था.

लाउडस्पीकर डाउन, मांस-मछली की खुले में बिक्री पर आदेश

13 दिसंबर को डॉ मोहन यादव ने मध्य प्रदेश के सीएम पद की शपथ ली. दोपहर को शपथ ग्रहण समारोह की शाम को ही मंत्रिमंडल की बैठक में नए सीएम ने बड़ा फैसला लिया. गृह विभाग की ओर से जारी आदेश में धार्मिक स्थलों एवं सार्वजनिक स्थलों पर तय स्टैंडर्ड से ज्यादा लाउड स्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगा दिया. यह फैसला योगी सरकार के फैसले के तर्ज पर था.

डॉ मोहन यादव यहीं नहीं रूके. उन्होंने योगी सरकार की तरह ही खुले में मांस-मछली बेचने वालों पर कड़ाई बरतने का निर्देश दिया. उन्होंने प्रशासनिक आदेश जारी किया कि जो कोई भी खुले में मांस या मछली बिक्री करते पाया गया, तो उसके खिलाफ प्रशासनिक कार्रवाई की जाएगी. प्रशासनिक आदेश में साफ कहा गया कि बिना इजाजत दुकान खोलने वालों पर कार्रवाई की जाए.

सीएम के आदेश के बाद राज्य के विभिन्न में पुलिस एवं प्रशासन के अधिकारी एक्शन में है. बता दें कि इससे पहले सीएम योगी ने उत्तर प्रदेश में अवैध बुचड़खाने के खिलाफ एक्शन लिया था. धार्मिक स्थानों के पास एवं कांवड़ यात्रा के दौरान खुले में मांस-मछली एवं अंडे की दुकान बंद करने का आदेश दिया था.

महाकाल की नगरी में बिताई रात, तोड़ा मिथक

सीएम मोहन यादव यही तक नहीं रूके. शपथ ग्रहण के बाद ही शाम को वह अपने पैतृक शहर उज्जैन पहुंचे और महाकाल की पूजा-अर्चना की और उनकी आरती की. यहां महाकाल का पूजन देर रात तक हुआ. शनिवार को सीएम का एक विशाल रोड शो भी उज्जैन में निकला. इसके साथ ही सीएम रात को अपने आवास पर रात्रि विश्राम किया.

उज्जैन को लेकर एक मिथक प्रचलित है कि यहां महाकाल के अलावा कोई राजा रात में नहीं रूकता है. इस मिथक को तोड़ते हुए शनिवार रात को सीएम मोहन यादव ने अपने घर पर ही पूरी रात बिताई, लेकिन अपने घर जाने् के पहले वह केडी गेट का काम देखा और फिर वह अपने घर पर गए. बता दें कि 18 सालों तक राज्य के सीएम रहने के दौरान शिवराज सिंह चौहान कभी भी रात को उज्जैन में नहीं रूके. सिंहस्थ महाकुंभ के दौरान भी शिवराज सिंह चौहान रात 12 बजे से पहले उज्जैन से निकल जाते थे और इंदौर में रात्रि विश्राम करते थे.

ऐसा मिथक है कि भारत के चौथे प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई जिस रात को उज्जैन में रुके थे, उसके दूसरे दिन ही उनकी सरकार का पतन हो गया था. वहीं, कर्नाटक के मुख्यमंत्री येदियुरप्पा के उज्जैन में रात्रि विश्राम के 20 दिन बाद उन्हें सीएम पद से त्याग पत्र देना पड़ा था. लेकिन डॉ मोहन यादव ने इन उदाहरणों के बावजूद उज्जैन में रात बिताई और मिथक को उसी तरह से तोड़ा है, जैसे उत्तर प्रदेश के सीएम आदित्यनाथ योगी ने नोएडा को लेकर मिथक तोड़ा था.

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