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रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कितने सेकेंड का है शुभ मुहूर्त? | Ayodhya Ram Temple How many seconds is auspicious time for consecration Ram Lalla-stwma

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए कितने सेकेंड का है शुभ मुहूर्त?

सांकेतिक तस्वीर

रामलला के राज्याभिषेक की तारीख तय होने के बाद रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों पर चल रही हैं. इस दिन का भक्तों को बेसब्री से इंतजार है. भक्त अपने इष्टदेव के दर्शन के लिए लालयित नजर आ रहे हैं. प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय होने के बाद अब इस दिन शुभ मुहूर्त भी निकाला गया है. रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के लिए 84 सेकंड का विशेष शुभ मुहूर्त सबसे महत्वपूर्ण होगा.

22 जनवरी 2024 को अयोध्या में नवनिर्मित राम मंदिर में रामलला का अभिषेक किया जाएगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में मेजबान होंगे. कार्यक्रम के गवाह बनने के लिए लाखों की संख्य में भक्त भी जुटेंगे. प्राण प्रतिष्ठा की तारीख तय होने के बाद कई विद्वानों ने काफी शोध के बाद रामलला के मंदिर के अभिषेक का शुभ समय निर्धारित किया है. खास बात यह है कि रामलला के अभिषेक का सबसे महत्वपूर्ण क्षण सिर्फ 84 सेकेंड का होगा.

काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने निकाला शुभ मुहूर्त

धर्मनगरी अयोध्या में गर्भगृह में रामलला की मूर्ति स्थापित करने का सबसे शुभ समय 84 सेकंड रहेगा. यह समय 22 जनवरी 2024 को 12:29 मिनट 8 सेकेंड से 12:30 मिनट 32 सेकेंड तक रहेगा. शोध करने वाले विद्वानों के अनुसार, इस समय आकाश मंडल में 6 ग्रह शुभ स्थिति में होंगे. काशी के ज्योतिषाचार्य पंडित गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ ने इस मुहूर्त को सबसे सटीक चुना है. इस समय में रामलला का गुणगान किया जाएगा. गणेश्वर शास्त्री के अनुसार 22 जनवरी 2024 का यह शुभ समय अग्निबाण, मृत्युबाण, चोरबाण, नृपबाण तथा रोग से मुक्त सबसे शुभ है. आपको बता दें कि जब रामलला गर्भगृह में विराजमान होंगे तो उसका एक-एक पल का शुभ मुहुर्त तय होता है.

देशभर के विद्वानों और ज्योतिषियों ने किया था शोध

आपको बता दें कि रामलला प्राण प्रतिष्ठा का सबसे शुभ मुहूर्त कई बातों पर विचार करने के बाद ही तय किया गया है. राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने देशभर के विद्वानों और ज्योतिषियों से रामलला के अभिषेक का समय तय करने का अनुरोध किया था. विद्वानों और ज्योतिषियों ने इस शुभ घड़ी के लिए काफी शोध किया. शोध करने के बाद शुभ मुहूर्त को तय किया गया.

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