युवक को सड़क पर गिराकर पीटने का वीडियो वायरल, पुलिस को क्यों देनी पड़ी सफाई? | Kanpur Video of beating young man in public Accusations Police Commissionerate


जमीन पर गिरे युवक की पिटाई करती कानपुर पुलिस
उत्तर प्रदेश के कानपुर में एक वीडियो सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है. इस वीडियो में एक पुलिस की गाड़ी खड़ी है और वहीं पर कुछ पुलिसवाले एक युवक को सड़क पर गिराकर उसकी पिटाई कर रहे हैं. यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद देश भर से लोग उत्तर प्रदेश पुलिस की कार्य प्रणाली पर सवाल उठा रहे हैं. वहीं अब कानपुर पुलिस ने इस मामले में सफाई दी है. पुलिस ने बताया है कि वीडियो में नजर आ रहा युवक वारंटी है और वह पुलिस की हिरासत से भागने की कोशिश कर रहा था.
मामला कानपुर के सनिगवां स्थित चंदन नगर का है. पुलिस सूत्रों के मुताबिक वायरल वीडियो में दिखा रहा युवक उमेश कुमार चंदन नगर का ही रहने वाला है और आर्डिनेंस फैक्ट्री में नौकरी करता है. उसके परिजनों ने बताया कि मंगलवार की देर शाम कुछ पुलिस वाले उनके घर आए और बताया कि उमेश कुमार के खिलाफ एनआई एक्ट का मुकदमा चल रहा है और इस मामले में उमेश के खिलाफ कोर्ट ने गैर जमानती वारंट जारी किया है. इतना कहकर पुलिस वालों ने उमेश को हिरासत में लिया और घर से बाहर निकलने के बाद सड़क पर गिराकर पिटाई शुरू कर दी.
वायरल हो गया वीडियो
आरोप है कि पुलिस वाले उमेश को पीटते हुए थाने ले आए और लॉकअप के बाहर भी जमकर पीटा. यह वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के लोगों ने इस घटना की निंदा की. पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आरोपी पुलिसकर्मियों की पहचान कर उनके खिलाफ कार्रवाई की मांग की. वीडियो वायरल होने के बाद कानपुर पुलिस ने मंगलवार की रात में ही सोशल मीडिया के जरिए बताया कि मामले की जांच कराई जा रही है. वहीं, बुधवार की सुबह पुलिस ने इस मामले में बयान जारी किया है.
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पुलिस ने दी सफाई
इसमें पुलिस ने बताया कि वीडियो में दिख रहा युवक वारंटी है. पुलिस ने कोर्ट के आदेश पर उसे गिरफ्तार किया था, लेकिन पुलिस की हिरासत से भागने के लिए उसने पुलिसकर्मियों के साथ हाथापायी शुरू कर दी. ऐसे में पुलिस को भी उसके काबू करने के लिए हल्का बल प्रयोग करना पड़ा. एसीपी चकेरी दिलीप सिंह के मुताबिक बावजूद इसके सोशल मीडिया में वायरल हो रहे वीडियो की भी जांच कराई जा रही है. वहीं कानपुर पुलिस के डीसीपी एसके सिंह ने बताया कि यह वीडियो वारंटी के परिजनों द्वारा बनाया गया है और इसे सोशल मीडिया में इस लिए डाला गया है, ताकि पुलिस पर दबाव बन सके. पुलिस मामले की निष्पक्ष जांच कर रही है.