मृतकों के शव पहुंचे घर, परिवार का रो रो कर बुरा हाल… कुवैत अग्निकांड में हुई थी मौत | Kuwait fire case 2 died from Gorakhpur dead bodies reached home stwn


परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल.
कुवैत में हुए भीषण अग्निकांड में 45 लोगों की हुई मौत में दो गोरखपुर के भी हैं. इनमें गुलरिया थाना क्षेत्र के भम्मौर गांव के रहने वाले जयराम गुप्ता और गोरखनाथ थाना क्षेत्र के उत्तरी जटेपुर के रहने वाले अंगद गुप्ता शामिल हैं. जयराम व अंगद की मौत की सूचना मिलने के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. जयराम के परिवार वालों को केवल यही जानकारी थी कि उनकी स्थिति खराब है और वह आईसीयू में है, लेकिन जब प्रशासन व उनके साथियों की ओर से मौत की सूचना मिली तो परिवार के लोगों को सदमा लगा. दोनों के शव उनके घर पहुंच चुके हैं.
जयराम गुप्ता का परिवार करीब 13 साल पहले मलंग चौराहे पर मकान बनाकर कारोबार करने लगा था. भम्मौर निवासी प्रदुम्न ने बताया कि परदेसी गुप्ता के पुत्र जयराम करीब 9 साल पहले परिवार का जीवन यापन करने के लिए कुवैत चले गए थे. कुछ दिन वहां काम नहीं मिला, लेकिन उसके बाद उन्हें एक शॉपिंग मॉल में कैशियर की नौकरी मिल गई. उसके बाद वह वहीं काफी दिनों तक काम करते रहे. बीच-बीच में घर पर आकर लोगों की सुध लेते रहते थे. 2023 में भी ढाई महीने की छुट्टी पर घर आए थे और बीते दिसंबर में छुट्टी समाप्त होने पर दोबारा काम पर चले गए थे. गांव वालों ने बताया कि जयराम के मौत की सूचना परिवार के लोगों को नहीं दी गई थी.
जयराम का बड़ा बेटा अर्नव 14 साल का है, जबकि बेटी श्रेया 5 वर्ष की है. परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी जयराम पर ही थी. जयराम की पत्नी सुनीता बुटीक चलाती है. जयराम के पिता परदेसी कोल माइंस में काम करते थे. उन्होंने ही अपनी कमाई से मलंग चौराहे पर मकान बनवाया था. परदेसी की साल 2016 में मौत हो गई थी.
परिवार का बुरा हाल
गोरखनाथ थाना क्षेत्र के उत्तरी जैतपुर स्थित मिठाई लाल के हाता में रहने वाले अंगद गुप्ता की मौत की सूचना जैसे ही पत्नी रीता को मिली वह बदहवास हो गई. जोर-जोर से रो रही थीं और बीच-बीच में बेहोश हो रही थी. आसपास के लोग घटना की जानकारी होने पर पहुंचे और उनको ढांढस बंधाने की कोशिश की. अंगद के तीन बच्चे हैं, अब उनकी परवरिश की गंभीर समस्या परिवार के समक्ष पैदा हो गई है.
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार कुवैत सरकार ने बुरी तरह से जले शवों का डीएनए परीक्षण कराया था, जिसके चलते जयराम और अंगद की पहचान हुई. प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि भारत सरकार का परिवहन विमान हरक्यूलीस शवों को लेकर कल ही कोच्चि में आ गया था. कारण, मरने वालों में सर्वाधिक संख्या केरल की ही है. उसके बाद वहां से इन दोनों के शव को गोरखपुर लाया गया.
अंगद के पड़ोस के रहने वाले राजेश गुप्ता ने कहा कि बनारस में भी एक व्यक्ति की मौत हुई है. वहां पर मृतक के घर डीएम पहुंचे थे, लेकिन हमारे यहां जिलाधिकारी या कोई अन्य बड़ा अधिकारी या जनप्रतिनिधि अभी तक नहीं आया है. किसी ने सांत्वना के दो शब्द भी नहीं कहे हैं. ऐसे में इन परिवारों के समक्ष आगे का जीवन काफी मुश्किल होगा. शासन और प्रशासन को मदद के लिए हाथ बढ़ाना चाहिए.