लाइफस्टाइल

महिलाओं का वजन जल्दी कम नहीं होता…. फिर पुरुषों को क्यों हार्टअटैक का खतरा ज्यादा रहता है?


<p style="text-align: justify;">आदमी और औरत बॉयलॉजिकली एक दूसरे से काफी ज्यादा अलग होते हैं. यह हम नहीं कह रहे हैं बल्कि आज हम इससे जुड़े फैक्ट्स आपके सामने लेकर आए हैं. हाल ही के रिसर्च में पता चला है कि पुरुषों के मुकाबले महिला को फैट बर्न करने में काफी ज्यादा वक्त लगता है. इस रिसर्च में यह बात भी सामने आई है कि महिला 50 कैलोरी की दर से धीमी गति से फैट बर्न करती है. इंडियन एक्सप्रेस में छपी खबर के मुताबिक पुरुष महिलाओं की तुलना में एक दिन में 500 से 1,000 अधिक कैलोरी जलाते हैं, जिसका मतलब है कि वे एक सप्ताह में महिलाओं की तुलना में लगभग एक से दो पाउंड अधिक वजन कम कर सकते हैं. भले ही वे समान मात्रा में कैलोरी खाएं.</p>
<p style="text-align: justify;"><strong>मांसपेशियां की तुलना में फैट अधिक कैलोरी उपभोग करती है</strong></p>
<p style="text-align: justify;">महिलाओं की तुलना में पुरुषों में अधिक दुबली मांसपेशियां और उच्च बेसल चयापचय दर (बीएमआर) होती है. दुबली मांसपेशियों में इंसुलिन रिसेप्टर्स होते हैं और अधिक कैलोरी का उपभोग करते हैं और इसलिए आराम करते समय भी महिलाओं की तुलना में पुरुषों के लिए अधिक कैलोरी जलाना आसान होता है.आम तौर पर पुरुषों में महिलाओं की तुलना में अधिक मांसपेशियां होती हैं, और मांसपेशियां की तुलना में फैट अधिक कैलोरी का उपभोग करती हैं.</p>
<p><strong>क्या कहता है रिसर्च</strong></p>
<p>इसके परिणामस्वरूप पुरुषों में चयापचय दर तेज होती है. जो अध्ययनों से पता चलता है कि यह महिलाओं की तुलना में 3 से 10 प्रतिशत तक अधिक हो सकती है. धीमी चयापचय का अर्थ है कि शरीर श्वसन, अनुभूति और ब्लड सर्कुलेशन जैसे सामान्य शारीरिक कार्यों का समर्थन करने के लिए कम कैलोरी का उपयोग करता है. डॉ. सिसौदिया के मुताबिक कोई भी अतिरिक्त कैलोरी फैट के रूप में जमा हो जाती है. रजोनिवृत्ति के बाद एस्ट्रोजन का स्तर कम हो जाता है, और एस्ट्रोजेन कम होने से चयापचय दर कम हो सकती है. वह दर जिस पर शरीर संग्रहीत ऊर्जा (फैट) को कार्यशील ऊर्जा में परिवर्तित करता है. इसके अलावा, मेनोपॉज के बाद महिलाओं की दुबली मांसपेशियां भी कम हो जाती हैं, जिससे बीएमआर में और कमी आ जाती है. महिलाएं स्वाभाविक रूप से पुरुषों की तुलना में अधिक शरीर में वसा जमा करने के लिए डिज़ाइन की गई हैं.हालांकि, ये अंतर पुरुषों को लाभ देते हुए प्रतीत हो सकते हैं, लेकिन इन्हें पुरुषों के लिए आसान रास्ता होने के रूप में नहीं समझा जाना चाहिए. अमेरिकन काउंसिल ऑन एक्सरसाइज के मुताबिक एक एक्टिव महिला के शरीर में 21 प्रतिशत से 24 प्रतिशत फैट होता जबकि एक पुरुष में 14 प्रतिशत से 17 प्रतिशत होती है.</p>
<p>महिलाओं के अधिकतर फैट शरीर के निचले हिस्से में जमा होते हैं जैसे बैक, जांघ, पेट के निचले हिस्से.जबकि पुरुषों के पेट में ज्यादा फैट जमा होते हैं. वह इसलिए क्योंकि पुरुषों के आंत में अधिक फैट जमा हो जाता. जिसकी वजह से महिलाओं की तुलना में पुरुषों को दिल की बीमारी का खतरा ज्यादा बढ़ जाता है.&nbsp;</p>
<p><strong><em>Disclaimer: इस आर्टिकल में बताई विधि, तरीक़ों और सुझाव पर अमल करने से पहले डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की सलाह जरूर लें.</em></strong></p>
<p><strong>ये भी पढ़ें: <a title="हड्डी का कैंसर एक बार ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है? क्यों है ये दूसरे कैंसर से अलग" href="https://www.toplivenews.in/lifestyle/health/bone-cancer-survival-rate-causes-types-and-treatment-2459555" target="_self">हड्डी का कैंसर एक बार ठीक होने के बाद दोबारा हो सकता है? क्यों है ये दूसरे कैंसर से अलग</a></strong></p>

Show More

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button