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बांदा: चिता पर लेटे शव में दिखी हलचल, कफन से लिपटी लाश को लेकर पहुंच गए अस्पताल | Banda seen dead body Movement lying funeral pyre reached hospital body wrapped shroud-stwma

बांदा: चिता पर लेटे शव में दिखी हलचल, कफन से लिपटी लाश को लेकर पहुंच गए अस्पताल

शव का चिकित्सकीय परीक्षण करते डॉक्टर

उत्तर प्रदेश के बांदा में उस वक्त लोग हैरत में पड़ गए जब चिता पर लेटे शव में हरकतें होना शुरू हो गईं. बुजुर्ग व्यक्ति के शव में हरकतें देख श्मशान घाट पर मौजूद हर शख्स भौचक्का रह गया. परिजन जिंदा होने की आस में शव को लेकर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने शव का चिकित्सकीय परीक्षण किया. बाद में डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित किया तब उन्हें दोबारा श्मशान घाट ले जाकर अंतिम संस्कार किया.

नगर कोतवाली क्षेत्र के शंभू नगर निवासी वृंदावन पाल की बीमारी के चलते निधन हो गया था. उनके शव को क्योटरा के हरदौली मुक्तिधाम में अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया. परिजनों ने वृंदावन का शव चिता पर मुखाग्नि देने के लिए रखा था. परिजन अभी चिता को आग लगाने वाले थे कि उन्हें मृत शरीर में हरकतें दिखाई दीं. परिजनों ने देखा कि वृंदावन पाल के होंठ और गाल हिल रहे हैं और उनके पैर कंपन्न कर रहे थे. यह नजारा देख वहां मौजूद लोग हैरत में पड़ गए.

डॉक्टरों ने किया मृत घोषित

जीवित होने की आस में परिजन शव को लेकर ट्रामा सेंटर पहुंचे. वहां डॉक्टरों ने वृंदावन पाल को मृत घोषित कर दिया.वृंदावन पाल के शरीर में जब हरकतें हुई तो परिजनों में उनके जिंदा होने की आस जगी. वह उनके शव को लेकर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचे. लेकिन, डॉक्टरों द्वार वृंदावन पाल को मृत घोषित होने पर परिजनों में फिर से शोक छा गया. डॉक्टर का कहना था कि इनकी मौत पहले ही हो चुकी है. परिजन उनके शव को लेकर वापस श्मशान घाट पहुंचे और शव का अंतिम संस्कार किया. इस खबर की चर्चा लोगों में खूब हो रही है.

चिकित्सकों ने बताई वजह

इस मामले में डॉक्टर जे. विक्रम ने बताया कि शरीर से जीवात्मा निकलने के बाद भी मांसपेशी कोशिकाएं कुछ समय तक हरकत में रहती है. जब वृंदावन पाल को चिता पर लेटाया गया था तब उनकी मांसपेशी कोशिकाएं हरकत कर रहीं थीं. परिजन समझे कि वह जिंदा हैं लेकिन उनकी मौत पहले ही हो चुकी है. पुलिस अधीक्षक बांदा अंकुर अग्रवाल ने बताया कि वृंदावन पाल का निधन बीमारी के चलते हो गया था. परिजनों को एहसास हुआ कि वह अभी जीवित हैं. इसी आस में वह उनके शव को लेकर जिला अस्पताल के ट्रामा सेंटर पहुंचे थे.

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