बरेली में क्यों निशाने पर पान मसाला डीलर्स? अब ‘गगन गुटखा’ के यहां पड़ी इनकम टैक्स की रेड

उत्तर प्रदेश के बरेली में पान मसाला कारोबारियों पर लगातार शिकंजा कसता जा रहा है. गनन के यहां पड़ी रेड पर बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. पिछले एक सप्ताह में आयकर विभाग की टीमों ने कई बड़े डीलर्स के घरों और गोदामों पर छापेमारी की है. मामला गगन गुटखा डीलर्स से जुड़ा है, जहां शुक्रवार सुबह एक बार फिर रेड पड़ी. इससे पहले भी शहर के नामी पान मसाला व्यापारियों के ठिकानों पर कार्रवाई की जा चुकी है. इन छापों के पीछे क्या कारण हैं? और आखिर बरेली के गुटखा कारोबारियों पर इतनी कड़ी निगरानी क्यों रखी जा रही है?
दरअसल, सुबह आयकर विभाग की करीब 15 सदस्यीय टीम ने भारी पुलिस बल के साथ गगन गुटखा डीलर्स के आवास और गोदामों पर छापेमारी की. टीम के पहुंचते ही पूरे इलाके में हलचल मच गई. जानकारी के मुताबिक, इस बार कार्रवाई रामसेवक भारद्वाज के प्रयागराज से वापस घर लौटने के बाद तेज हुई. पिछली बार जब उनके ठिकानों पर रेड हुई थी. तब परिवार के सदस्य साथ में प्रयागराज गए हुई थे. उनकी संपत्तियों पर ताले लगे थे. अब जब परिवार वापस लौटा तो आयकर विभाग को इसकी जानकारी दी गई.
सूचना के आधार पर शुक्रवार सुबह दिल्ली से आई टीम ने दोबारा जांच शुरू कर दी. टीम ने गोदामों और आवास के ताले खुलवाकर छानबीन की. इस दौरान व्यापार मंडल से जुड़े कई बड़े लोग भी नजर रखे हुए थे, लेकिन कोई प्रत्यक्ष विरोध नहीं दिखा. आयकर विभाग को पिछले छापे में बड़े पैमाने पर वित्तीय अनियमितताओं के सुराग मिले थे. दस्तावेजों में गड़बड़ी और अघोषित संपत्ति और बेहिसाब नकदी की जानकारी मिलने के बाद से ही यह मामला गर्मा गया था. यही वजह है कि टीम ने दोबारा बरेली आकर जांच को आगे बढ़ाया. इससे पहले जब पहली बार छापा पड़ा था तो व्यापारी संगठनों और आयकर अधिकारियों के बीच तीखी नोकझोंक भी हुई थी. उस दौरान कार्रवाई को रोकने की कोशिशें की गईं, लेकिन इस बार टीम ने पूरी तैयारी के साथ जांच शुरू की.
गुटखा कारोबार पर सख्ती क्यों?
बरेली में पान मसाला और गुटखा कारोबारियों पर लगातार हो रही छापेमारी के पीछे कई वजहें बताई जा रही हैं. आयकर विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह कारोबार नकद लेन-देन और अघोषित संपत्ति के मामलों में संदेह के घेरे में रहा है. इसके अलावा जीएसटी चोरी और फर्जी बिलिंग जैसी शिकायतें भी सामने आई हैं. वहीं स्वास्थ्य विभाग भी गुटखा और तंबाकू उत्पादों पर नियंत्रण की मांग करता रहा है. ऐसे में प्रशासन की सख्ती लगातार बढ़ रही है.
पहले भी हो चुकी है छापेमारी
बरेली में कई बड़े पान मसाला ब्रांड्स के डीलर्स सक्रिय हैं और इनमें से कुछ के खिलाफ पहले भी वित्तीय अनियमितताओं की शिकायतें दर्ज हुई थीं. पहले हुई छापेमारी के दौरान गुटखा कारोबारी रामसेवक भारद्वाज की तबीयत अचानक बिगड़ गई थी. जिसके बाद आयकर टीम के कुछ सदस्यों ने उन्हें अस्पताल पहुंचाया. हालांकि, जांच नहीं रोकी गई और अन्य टीमों ने अपनी कार्रवाई जारी रखी थी.
व्यापार मंडल के नेताओं में नाराजगी
इस बार की छापेमारी के दौरान कोई बड़ा विरोध देखने को नहीं मिला, लेकिन व्यापारी संगठनों में नाराजगी जरूर है. व्यापार मंडल के कुछ नेताओं ने कहा कि बार-बार एक ही व्यापारिक वर्ग को निशाना बनाया जा रहा है. अगर गड़बड़ियां हैं तो जांच होनी चाहिए, लेकिन पूरे कारोबार को शक के दायरे में रखना सही नहीं है. आयकर विभाग की टीम अब जब्त किए गए दस्तावेजों की जांच करेगी. अगर अनियमितताओं के पुख्ता सबूत मिलते हैं तो कानूनी कार्रवाई आगे बढ़ सकती है. दूसरी ओर व्यापारी संगठन भी इस मामले में अपनी रणनीति बनाने में जुट गए हैं.