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बदायूं से धर्मेंद्र नहीं शिवपाल लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, दो सीटों से लड़ सकते हैं अखिलेश | Shivpal Singh will contest Lok Sabha elections from Badaun, 5 names in SP’s third list

बदायूं से धर्मेंद्र नहीं शिवपाल लड़ेंगे लोकसभा चुनाव, दो सीटों से लड़ सकते हैं अखिलेश

श‍िवपाल स‍िंंह यादव को बदायूं से धर्मेंद्र यादव का ट‍िकट काटकर मौका द‍िया गया है.

समाजवादी पार्टी ने लोकसभा उम्मीदवारों की तीसरी सूची जारी कर दी है. इनमें सबसे बड़ा नाम शिवपाल सिंह यादव का है, जिन्हें बदायूं लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. इससे पहले समाजवादी पार्टी ने पहली सूची में यहां से धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया था. समाजवादी पार्टी की ओर से जारी इस तीसरी सूची में पांच लोकसभा सीट से उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है, जबकि पांच लोकसभा सीटों पर प्रभारियों की घोषणा की गई है.

समाजवादी पार्टी की ओर से जारी तीसरी सूची में कैराना से इकरा हसन, बरेली से प्रवीण सिंंह ऐरज, हमीरपुर से अजेंद्र सिंंह राजपूत और वाराणसी से सुरेंद्र सिंह पटेल को उम्मीदवार बनाया गया है. इसके अलावा अमरोहा और कन्नौज के प्रभारियों के नाम का भी ऐलान किया गया है. इनमें अमरोहा का प्रभारी महबूब अली और राम अवतार सैनी को बनाया गया है. वहीं कन्नौज और आजमगढ़ का प्रभारी धर्मेंद्र यादव को बनाया गया है.

धर्मेंद्र का टिकट काटकर शिवपाल को दिया

समाजवादी पार्टी ने पहली सूची में धर्मेंद्र यादव को टिकट दिया था. अब अखिलेश यादव ने यहां से चाचा शिवपाल को उम्मीदवार बनाया है. इसके पीछे बड़ा कारण अखिलेश और स्वामी प्रसाद मौर्य के बिगड़े रिश्ते भी हैं. भाजपा यहां से संघमित्रा मौर्य को टिकट दे सकती है जो वर्तमान सांसद हैं. ऐसे में मुकाबले को बेहतर करने के लिए अखिलेश यादव ने यहां से धर्मेंद्र यादव के बदले चाचा शिवपाल सिंह यादव को मैदान में उतारा है. धर्मेंद्र यादव को कन्नौज और आजमगढ़ का प्रभारी बनाया गया है.

दो सीटों से चुनाव लड़ सकते हैं अखिलेश

सपा प्रमुख अखिलेश यादव दो सीटों से लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं, माना जा रहा है कि वह आजमगढ़ और कन्नौज से चुनाव मैदान में उतरेंगे. अगर वह दोनों सीटें जीत लेते हैं तो फिर उन्हें एक सीट खाली करनी होगी. ऐसी स्थिति में वे इस सीट से होने वाले उप चुनाव में धर्मेंद्र यादव को मौका दिया जा सकता है.

कुर्मी वोटरों पर है सुरेंद्र पटेल की पकड़

समाजवादी पार्टी ने वाराणसी में सुरेंद्र पटेल को उम्मीदवार बनाया है. जबकि ये सीट अखिलेश यादव ने कांग्रेस को पहले ऑफ़र की थी. यहाँ से यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय राय चुनाव लड़ते रहे हैं. 2014 में भी समाजवादी पार्टी ने उन्हें नरेंद्र मोदी के खिलाफ टिकट दिया था, लेकिन बाद में उनका टिकट कट गया था. यहां पटेल यानी कुर्मी बिरादरी के वोटरों का दबदबा है.

इकरा के पिता रहे हैं सांसद, प्रवीण की पत्नी बरेली की पूर्व मेयर

कैराना से उम्मीदवार घोषित इकरा हसन के भाई नाहिद हसन समाजवादी पार्टी के विधायक हैं और अभी जेल में हैं. इकरा के पिता मुनव्वर हसन भी कैराना से सांसद रह चुके हैं. वहीं प्रवीण सिंह ऐरन बरेली से 2009 में कांग्रेस के सांसद रहे हैं. इस बार समाजवादी पार्टी ने उन्हें बरेली से उम्मीदवार बनाया है. उनकी पत्नी सुप्रिया ऐरन बरेली की मेयर रह चुकी हैं.

80 में 31 सीटों पर सपा उम्मीदवार घोषित

समाजवादी पार्टी ने उत्तर प्रदेश की 80 सीटों में से 31 सीटों पर उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं. समाजवादी पार्टी ने पहली सूची में 16 नामों का ऐलान किया था. इसमें संभल से शफीकुर्रहमान बर्क, मैनपुरी से डिंपल यादव, फिरोजाबाद से अक्षय यादव, एटा से देवेश शाक्य, खीरी से उत्कर्ष वर्मा, धौरहरा से आनंद भदौरिया, उन्नाव से अन्नू टंडन, लखनऊ से रविदास मेहरोत्रा, डॉ. नवल किशोर को फर्रुखाबाद से उम्मीदवार बनाया गया था. इसके अलावा अकबरपुर से राजाराम पाल, बांदा से शिवशंकर पटेल, अम्बेडकर नगर लाल जी वर्मा, बस्ती से राम प्रसाद चौधरी और गोरखपुर से काजल निषाक तथा फैजाबाद से अवधेश प्रसाद उम्मीदवार थे. इसी सूची में धर्मेंद्र यादव को बदायूं से उम्मीदवार घोषित किया गया था. हालांकि अब धर्मेंद्र यादव की जगह अखिलेश यादव ने चाचा शिवपाल सिंह यादव को इस सीट से मौका दिया है.

दूसरी सूची में थे 11 नाम

समाजवादी पार्टी की ओर से 19 फरवरी को दूसरी सूची जारी की गई थी, इसमें मुजफ्फरनगर से हरेंद्र मलिक, आंवला से नीरज, हरदोई से ऊषा वर्मा, शाहजहांपुर से राजेश कश्यप, मोहनलाल गंज से आरके चौधरी, प्रतापगढ़ से एसपी सिंह पटेल, गोंडा से श्रेया वर्मा, चंदौली से वीरेंद्र सिंह, बहराइच से रमेश गौतम, मिश्रिख से रामपाल राजवंशी को टिकट दिया था.



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