दुश्मन को फंसाने के लिए की हत्या, खुद पहुंचे सलाखों के पीछे… जानें क्या है मामला | UP Bareilly family plan murder trap enemy stwn


दुश्मन को फंसाने के लिए किया मर्डर
उत्तर प्रदेश के बरेली के शेरगढ़ थाना क्षेत्र में 10 दिन पहले हुई हत्या के मामले में पुलिस ने अब आरोपिओ को पकड़ कर खुलासा किया है. हत्या सिर्फ इसलिए की गई ताकि दुश्मन को फंसाया जा सके. परिजनों ने मामले में जिन चार लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी वे सभी बेकसूर निकले. उन्हें फंसाने के लिए हत्या करने तीन आरोपियों ने पुलिस के सामने अपना जुल्म कबूल किया है. पुलिस ने आरोपियों को जेल भेज दिया है.
दरअसल बरेली के शेरगढ़ थाना के मोहम्मदपुर गांव में 23 नवंबर को किच्छा नदी के किनारे गोली मारकर धर्मेंद्र नाम के शख्स की हत्या कर दी गई थी. मृतक के भाई करन ने गांव के जसपाल, भानु प्रताप, चंद्रपाल और सूखे पर जमीन की रंजिश में हत्या का शक जताकर रिपोर्ट कराई थी. धर्मेंद्र के मोबाइल फोन की डिटेल में गांव के रवि गंगवार, विजय व ओम प्रकाश राठौर से बातचीत के सबूत पुलिस को मिले. जब पुलिस ने पूछताछ कि तो आरोपिओं ने अपना जुल्म कबूल कर लिया. दुश्मन को फंसाने के लिए गोली मारकर हत्या की थी.
आरोपी रवि ने धर्मेंद्र को गांव के नेतराम के बंद पड़े कोल्हू पर जाने को कहा था. कोल्हू पर विजय मिला. उसने धर्मेंद्र को बताया कि किच्छा नदी किनारे जसपाल के खेत में पेड़ कट रहे हैं. कहीं ऐसा न हो कि चोरी का आरोप लगाकर हम लोगों को फंसा दिया जाए. भरोसा कर धर्मेंद्र वहां चला गया. नदी किनारे पहुंचते ही विजय ने धर्मेंद्र के गले में पीछे से रस्सी डाली और गला कसकर गिरा दिया. फिर तमंचे से गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात में इस्तेमाल मोबाइल फोन और तमंचे को भी पुलिस ने बरामद कर लिया है.
बता दें गांव में जसपाल और सुखदेव गंगवार के बीच जमीन की रंजिश चल रही थी. दो साल पहले सुखदेव ने जसपाल के चाचा सुरेंद्रपाल की हत्या कर दी थी. जसपाल ने सुखदेव व उसके पुत्र रवि गंगवार समेत सात लोगों पर रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने गैंगस्टर की कार्रवाई करते हुए सुखदेव की 1.46 करोड़ की संपत्ति कुर्क कर दी थी. सुखदेव व रवि समेत सभी आरोपी जेल भेज दिए थे.
वही बरेली के एसएसपी घुल सुशील चंद्रभान ने बताया कि धर्मेंद्र की हत्या के बाद से ही स्पष्ट हो गया था कि आरोपी दूसरे ही हैं. जसपाल पक्ष के बारे में जानकारी की गई तो धर्मेंद्र की हत्या से उनका कोई लाभ होता नहीं दिख रहा था. जबकि विजय पक्ष जसपाल आदि को फंसाने के लिए कई प्रयास कर चुका था. आखिर में स्थिति साफ हो गई. आरोपिओ को जेल भेज दिया है.
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