दीवान से दारोगा बना, पहली ही पोस्टिंग में मांग ली रिश्वत; घसीट कर ले गई विजिलेंस टीम


आरोपी दारोगा को पकड़कर ले जाती विजिलेंस टीम.
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले में भ्रष्टाचार निवारण संगठन (विजिलेंस) ने पुलिस विभाग में तैनात एक दारोगा को रिश्वत की रकम लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया. दारोगा ने मुकदमे से बचाने के लिए पीड़ित से रिश्वत मांगी थी. आरोपी दारोगा पुरवा कोतवाली में उपनिरीक्षक (सब इंस्पेक्टर) के पद पर तैनात है. बता दें कि दो दिन के अंदर विजिलेंस ने यह तीसरी गिरफ्तारी की है.
जानकारी के मुताबिक, पुरवा कोतवाली में तैनात राजेंद्र सरोज नामक दारोगा को एक मुकदमे की जांच मिली थी. शिकायतकर्ता ने दारोगा से संपर्क किया तो दारोगा ने उससे पैसों की डिमांड की, जिसको लेकर शिकायतकर्ता काफी परेशान हुआ. उसने विजलेंस लखनऊ की टीम से संपर्क किया. शिकायतकर्ता की शिकायत को संज्ञान में लेकर विजलेंस ने दारोगा को रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई.
रिश्वत लेते दारोगा गिरफ्तार
बनाई गई योजना के तहत शिकायतकर्ता ने दारोगा को थाने के बाहर एक दुकान पर बुलाया. दारोगा थाने के बाहर आकर शिकायतकर्ता से मिले. शिकायतकर्ता ने जैसे ही रिश्वत की रकम दरोगा को पकड़ाई, वैसे ही विजलेंस टीम के सदस्यों ने दारोगा को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया और उनको अपने साथ लेकर चली गई. विजलेंस की लगातार दूसरे दिन की कार्रवाई जिले में चर्चा का विषय बनी हुई है. आरोपी दारोगा का बीते साल नवंबर महीने में ही प्रमोशन हुआ था. वह दीवान से दारोगा बना था.
बता दें कि भ्रष्टाचार निवारण संगठन (विजिलेंस) की जिले में लगातार यह दूसरी कार्रवाई है. इससे पहले विजिलेंस की टीम ने जिला विद्यालय निरीक्षक के एक क्लर्क और राजकीय इंटर कॉलेज कन्या के एक लिपिक को रिश्वत की रकम के साथ रंगे हाथ गिरफ्तार किया था.
बकाया पेमेंट पास करने के लिए मांगी थी रिश्वत
राजकीय कन्या इंटर कॉलेज में एक फर्म ने कंप्यूटर और कैमरा लगाया था, जिसका पेमेंट बाकी था. पेमेंट को लेकर फर्म के कर्मचारी ने जब बाबुओं से संपर्क किया तो उन्होंने तीस हजार रुपए की डिमांड की और कहा कि पैसे दीजिए तब हम आपका पेमेंट करेंगे. परेशान होकर पीड़ित ने विजिलेंस की टीम से संपर्क किया. विजिलेंस ने योजना के अनुसार, सोमवार को कार्यालय के बाहर रिश्वत की रकम के साथ दोनों बाबुओं को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया.