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तेजस विमानों के पायलटों के लिए कानपुर में बन रहा खास पैराशूट, क्या है खासियत?

तेजस विमानों के पायलटों के लिए कानपुर में बन रहा खास पैराशूट, क्या है खासियत?

कानपुर की ओपीएफ फैक्ट्री में तैयार हो रहा खास पैराशूट

कानपुर की ओपीएफ फैक्ट्री में नौसेना के तेज लड़ाकू विमानों के लिए सीट इजेक्शन पायलट पैराशूट तैयार किया जा रहा है. यह कदम आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है. इसके बाद भारतीय पैराशूट का एक बड़ा ऑर्डर विदेशी देशों से भी मिल सकता है.

लड़ाकू विमानों में गड़बड़ी होने पर पायलट को सुरक्षित उतारने के लिए इस पैराशूट का उपयोग किया जाएगा. कानपुर ऑर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री (ओपीएफ) ने तेजस विमानों के पायलटों के लिए एक खास प्रकार का पैराशूट तैयार किया है.

अब तक सेना विदेशों से खरीदती थी पैराशूट

अब तक भारतीय सेना अपने लड़ाकू विमानों के लिए विदेशों से सीट इजेक्शन पायलट पैराशूट खरीदती थी, लेकिन अब डीआरडीओ की एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेबलिशमेंट (एडीआरडीई) के इंजीनियरों ने एक विशेष डिज़ाइन तैयार किया है, जिससे तेजस विमान के पायलटों को आपात स्थिति में सुरक्षित रूप से जमीन पर उतारा जा सकेगा. इस कदम के बाद भारत अब अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों से इस प्रकार के पैराशूट की आपूर्ति पर निर्भर नहीं रहेगा.
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पैराशूट की आवश्यकता क्यों?

डिज़ाइन को मंजूरी मिलने के बाद एडीआरडीई के साथ मिलकर रक्षा मंत्रालय के पीएसयू ग्लाइडर्स इंडिया लिमिटेड की इकाई ओपीएफ कानपुर ने इन पैराशूट्स का निर्माण शुरू कर दिया है. तेजस मार्क 1A फाइटर जेट की अधिकतम स्पीड 2205 किलोमीटर प्रति घंटा तक है और यह 50,000 फीट की ऊंचाई तक उड़ सकता है. ऐसी परिस्थितियों में पायलट को सुरक्षित उतरने के लिए इस विशेष पैराशूट की आवश्यकता थी.

लागत दो गुना कम

अब तक विदेशों से आने वाले पैराशूट काफी महंगे होते थे, लेकिन ओपीएफ द्वारा तैयार किए जा रहे पैराशूट की लागत लगभग दो गुना कम है, जबकि इसकी गुणवत्ता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप है. इस पैराशूट का वजन लगभग 8 किलोग्राम है और इसकी कीमत लगभग 8 लाख रुपये तक होगी.

कानपुर की ओपीएफ फैक्ट्री में दो प्रकार के पैराशूट तैयार किए जा रहे हैं: पायलट पैराशूट और ब्रेक पैराशूट. इनका उपयोग विभिन्न प्रकार के लड़ाकू विमानों जैसे P7, जगुआर, मिराज, सुखोई, मिग और अन्य में किया जाएगा.
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पैराशूट फैक्ट्री महिलाओं का बड़ा योगदान

ऑर्डनेंस पैराशूट फैक्ट्री के महाप्रबंधक एमसी बालासुब्रमण्यम और वर्क मैनेजर रूपेश कुमार ने बताया कि इस परियोजना में महिला सशक्तिकरण के तहत लगभग 65 महिलाएं काम कर रही हैं. इस फैक्ट्री ने एशिया में पहली बार तेजस विमान के लिए पायलट पैराशूट तैयार किया है.

अब वायु सेना को अमेरिका और अन्य यूरोपीय देशों से पैराशूट की आवश्यकता नहीं होगी, क्योंकि ओपीएफ अब खुद इस पैराशूट का निर्माण कर रही है. फैक्ट्री में P7, जैगुआर, सुखोई, और तेजस जैसे विमानों के पैराशूट बनाने का काम शुरू हो चुका है.



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