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टेक्नोलॉजी में मास्टर्स, हॉकी का शौक और करोड़ों की संपत्ति, ये हैं अब्दुल्ला वल्द आजम खान | Mtech and property worth crores fake birthday certificate case Abdullah SP leader Azam Khan

कभी उत्तर प्रदेश की सियासत में जिस परिवार की तूती बोलती थी, आज उसके मुखिया आजम खान, उनकी पत्नी तजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम खान को कोर्ट से बड़ा झटका लग चुका है. फर्जी जन्म प्रमाण पत्र के मामले में तीनों को 7-7 साल की सजा मुकर्रर हो चुकी है. उत्तर प्रदेश में जब-जब समाजवादी पार्टी की सत्ता रही, आजम खान के साथ-साथ उनके बेटे अब्दुल्ला आजम का रसूख आसमान पर रहा. अब्दुल्ला के बारे में जाना जाता है वह ना केवल करो़ड़ों की संपत्ति का मालिक है बल्कि उसे हॉकी का भी शौक रहा है.

आज की तारीख में आजम खान और उनकी पत्नी और बेटे पर आरोपों की भरमार है. उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ की सत्ता आने के बाद से उन पर ही नहीं बल्कि उनकी पत्नी और बेटे पर आरोपों की फेहरिस्त बढ़ती गई.अब्दुल्ला वल्द आजम खान यानी आजम के बेटे अब्दुल्ला पर कुल 43 केस दर्ज हैं तो आजम खान पर 103 आरोप हैं, वहीं आजम खान की पत्नी तजीन फातिमा पर 32 मुकदमे हैं. इनमें ज्यादातर मामले धोखाधड़ी और आपराधिक साजिश रचने के हैं.

अब्दुल्ला आजम की घोषित संपत्ति

उत्तर प्रदेश में अब्दुल्ला आजम की हैसियत नवाबजादे से कभी कम नहीं रही. चुनाव में अब्दुल्ला ने नवाब के बेटे नवेद को शिकस्त भी दी थी. अब्दुल्ला का रुतवा नामांकन पत्र में घोषित की गई उसकी संपत्ति में देखा जा सकता है. अब्दु्ल्ला ने अपने नामांकन पत्र में घोषित किया है कि उसके पास 3,12,03,000 की संपत्ति है. इसमें 16,00,000 रुपये बैंक खाते में है.

अब्दुल्ला आजम पहली बार साल 2017 में रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने थे. अब्दुल्ला आजम ने अपने नामांकन पत्र में घोषित किया था कि उसके पास 12 बोर की बंदूक भी है. साल 2016-17 में उसने 7,28,480 रुपये की आय भी घोषित की थी.

अब्दुल्ला आजम के शौक और शिक्षा

अब्दुल्ला आजन को हॉकी खेलने का शौक रहा है. अब्दुल्ला ने यूपी टेक्निकल यूनिवर्सिटी से टेक्नोलॉजी में ग्रेजुएट साल 2015 में गलगोटिया यूनिवर्सिटी से टेक्नोलॉजी में मास्टर्स डिग्री हासिल की थी.

9 सितंबर 2019 को अब्दुल्ला और उसकी मां तजीन फातिमा को मोहम्मद अली जौहर विश्वविद्यालय के निर्माण में कथित तौर पर किसानों की जमीन हड़पने का भी नोटिस मिला था. इसके अलावा अब्दुल्ला पर अपने हमसफर रिजॉर्ट के लिए सरकारी भूमि पर कथित रूप से अतिक्रमण करने के लिए धारा 447 और 184 के तहत भी मामला दर्ज किया गया था.

दो-बार गई अब्दुल्ला की विधायकी

अब्दुल्ला आजम यूपी के ऐसे नेता हैं, जिनकी विधायकी दो बार निरस्त की गई है. तीन साल के भीतर ही दो बार विधायकी जा चुकी है. साल 2017 में जब अब्दुल्ला ने पहली बार स्वार सीट से जीत दर्ज की थी, तब उन्होंने बीएसपी के नवेद मियां को हराया था. जिसके बाद नवेद ने अदालत में अब्दुल्ला की उम्र को लेकर चुनौती दी थी. नवेद ने कहा था नामांकन दाखिल करने के समय अब्दुल्ला की उम्र की उम्र 25 साल से कम थी.

हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई करते हुए 16 दिसंबर, 2019 को अब्दुल्ला का निर्वाचन रद्द कर दिया. यहां तक कि जब अबदु्ल्ला सुप्रीम कोर्ट गए तब भी राहत नहीं मिली. सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के फैसले को बरकरार रखा.

जाम लगाने के आरोप में गई विधायकी

अब्दु्ल्ला साल 2019 में दोबारा स्वार सीट से समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक बने. जिसके बाद आजम और अब्दुल्ला पर सरकारी काम काज में बाधा डालने और भीड़ को उकसाने का केस दर्ज किया गया. जिसके बाद विधानसभा सचिवालय से 15 फरवरी को अब्दुल्ला आजम की विधायकी को रद्द कर दिया गया.

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