जवान बेटे की लाश देख मां को लगा ऐसा सदमा, चंद मिनटों में तोड़ दिया दम… घर से एक साथ उठीं दो अर्थियां


वंदना श्रीवास्तव का लाडला था छोटा बेटा शिवम.
20 फरवरी का दिन इटावा के चौगुर्जी मोहल्ले में रहने वाले श्रीवास्तव परिवार के लिए काल बनकर आया. यहां दोपहर को परिवार के छोटे बेटे शिवम को गाड़ी ने रौंद डाला. खून से सनी हालत में शिवम को अस्पताल लाया गया है. वहां उसकी मौत हो गई. बेटे की मौत की खबर सुन मां वंदना श्रीवास्तव भी अस्पताल पहुंचीं. जैसे ही बेटे का शव देखा, वंदना को सदमा लग गया. अचानक तबीयत बिगड़ी और वंदना ने भी दम तोड़ दिया. फिर शुक्रवार को घर से एक साथ दो अर्थियां निकलीं.
चौगुर्जी मोहल्ले में सतीश कुमार श्रीवास्तव का मकान है. वो यूपी रोडवेज में सीनियर फोरमैन पद से रिटायर्ड हैं. परिवार में पत्नी वंदना श्रीवास्तव और दो बेटे शुभम-शिवम के साथ हंसी-खुशी रह रहे थे. दोनों बच्चे नौकरी करते थे. बड़े बेटे शुभम की शादी हो चुकी है. जबकि, छोटा बेटा शिवम (32) कुंवारा था. वह ट्रैवेल एजेंसी चलाता था. गुरुवार देर रात 11 बजे आईटीआई की ओर से घर आ रहा था. वह सड़क किनारे खड़े होकर टैक्सी का इंतजार कर रहा था, इसी दौरान तेज रफ्तार बेकाबू वाहन शिवम को रौंदते हुए निकल गया.
खून से लथपथ शिवम को अस्पताल पहुंचाया
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राहगीरों ने खून से लथपथ शिवम को देखा तो पुलिस को सूचना दी. मौके पर पहुंची सिविल लाइन थाना पुलिस ने घायल को जिला अस्पताल में भर्ती करवाया. यहां डॉक्टरों ने शिवम को मृत घोषित कर दिया. उधर, परिवार को इसकी जानकारी दी गई. बड़ा भाई शुभम और उसकी मां 59 साल की वंदना श्रीवास्तव देर रात जिला अस्पताल पहुंचे. मां वंदना ने जैसे ही बेटे शिवम की लाश देखी, उनकी हालत बिगड़ गई. डॉक्टरों ने ऑक्सीजन सपोर्ट दिया और इंजेक्शन भी लगाए, लेकिन मां ने दम तोड़ दिया. यह घटना देख परिवार और रिश्तेदारों में कोहराम मच गया.
मां लगातार फोन कर रही थी शिवम को
बड़े भाई शुभम ने बताया, मेरा भाई काम के सिलसिले में कहीं गया हुआ था. मां लगातार उसको फोन कर रही थी. उसने बोला कि आधा घंटे में घर पहुंच रहा है. लेकिन, जब वह घर नहीं पहुंचा तो मां ने रात करीब 11 बजे कॉल किया, लेकिन उसका फोन नहीं उठा. जब उसको आखिरी कॉल किया तो किसी अनजान व्यक्ति ने फोन उठाया और बताया कि आपके बेटे का एक्सीडेंट हो गया है. वह जिला अस्पताल में है.
मां की हार्ट अटैक से गई जान
शुभम ने बताया, मां ने रोते हुए हादसे की जानकारी मुझे दी. फिर हम दोनों जिला अस्पताल पहुंचे. वहां देखा कि मेरे भाई को डॉक्टर ने मृत घोषित कर दिया था. इसी घटना को देखकर मां खुद को संभाल नहीं सकीं. उनकी तबीयत बिगड़ गई आखिरकार मां की भी हार्ट अटैक से जान चली गई. घर में छोटा होने के कारण मेरी मां को उससे अधिक लगाव था.