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गोरखपुर के इस अस्पताल में होता है मुर्दों का इलाज, प्रधान और पत्नी मिलकर करते हैं खेल | ishu hospital where dead bodies put on ventilator to extort money gorakhpur up news stwvs

गोरखपुर के इस अस्पताल में होता है मुर्दों का इलाज, प्रधान और पत्नी मिलकर करते हैं खेल

गोरखपुर अस्पताल

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के ईशु अस्पताल से हैरान करने वाला मामला सामने आया है. आरोप है कि यहां डॉक्टर मृत मरीजों का भी इलाज करते हैं. उन्हें घंटों वेंटिलेटर पर लिटाए रखते हैं और इस बीच उनके परिवार वालों ने मोटी रकम वसूलते हैं. आरोप ये भी है कि इस अस्पताल में मरीजों को लाने के लिए दलालों को रखा गया है, जो मरीजों को झांसा देकर अस्पलाल में लेकर आते हैं. फिलहाल एक मामले की सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम ने अस्पताल में छानबीन की और उसे सीज कर दिया. हैरानी बात है कि इस अस्पताल को चलाने वाला गांव का एक प्रधान और उसकी बीवी ही है.

गोरखपुर के इस अस्पताल में दलालों के जरिए दूर-दराज के मरीजों को बेहतर इलाज का झांसा दिया जा रहा था. इसके बाद मरीज की हालत गंभीर बताकर उनसे लाखों रुपये ऐंठे जाते थे. 21 फरवरी को बिहार के भागलपुर के एक मरीज को इस अस्पताल में कुछ दलालों ने अच्छे इलाज का झांसा देकर भर्ती कराया था. इस दौरान मरीज के परिवार वालों ने शुरू में 60,000 हजार रुपये जमा करवा दिए थे. कुछ ही देर बाद अस्पताल के स्टाफ ने मरीज के परिवार वालों को करीब 3 लाख का बिल बनाकर उनके हाथ में थमा दिया. आरोप है कि इस बीच मरीज की मौत हो चुकी थी लेकिन फिर भी उसे वेंटिलेटर पर रखा गया था ताकि किसी को डॉक्टरों पर शक न हो.

सच आया सामने

इसके बाद मामले की सूचना एसपी सिटी कृष्ण कुमार विश्वास को दी गई, जिसके बाद एसपी ने अस्पताल में जांच कराई तो मामला सच निकला. अस्पताल का सच सामने आने के बाद एसपी ने मामले की जानकारी तुरंत डीएम को दी. इस दौरान डीएम कृष्णा करुणेश ने अस्पताल के इंस्पेक्शन के आदेश दिए. इसके बाद सीएमओर तुरंत अपनी टीम लेकर अस्पताल पहुंच गए. इस दौरान अस्पताल में तीन मरीज भर्ती थे. इनमें एक मरीज की मौत हो चुकी थी लेकिन फिर भी अस्पताल के स्टाफ की ओर से उस मृत मरीज को वैंटिलेटर पर ऑक्सीजन मास्क लगाकर लिटाया हुआ था.यह मरीज बिहार के भागलपुर का ही था. इसके अलावा बाकी दो मरीजों को पुलिस की टीम की ओर से जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया.

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सीएमओ मामले की जानकारी पाने के बाद हरकत में आईं और उनकी टीम ने अस्पताल को सीज कर दिया. पुलिस की छानबीन में पता चला कि अस्पताल चलाने वाला और कोई नहीं बल्कि गांव का ही प्रधान है. आरोपी का नाम नितिन यादव है, जो कि गगहा ब्लाक के रियांव गांव का प्रधान है. नितिन यादव का मेडिकल इंडस्ट्री में कोई अनुभव नहीं है बावजूद इसके अस्पताल के इस मालिक को सिर्फ गरीबों से आने वाले पैसों से मतलब है. वह गरीब मरीजों से मोटी रकम वसूलने के लिए यह अस्पताल चला रहा था. इस काम में उसकी पत्नी और भाई पूरी तरह से देते थे. इसके अलावा अस्पताल में जिन डॉक्टरों का बोर्ड लगा था यह उन्हें भी पैसे देता था.आरोप है कि अस्पताल में डॉक्टर मरीजों का इलाज उल्टे-सीधे तरीके से इलाज करते थे.

क्या बताया पुलिस ने?

फिलहाल सीएमओ ने पूरे मामले में 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया है. वहीं 8 लोगों को गिरफ्तार भी किया गया है. मामले की जानकारी देते हुए एसएससी डॉक्टर गौरव ग्रोवर ने बताया कि अब प्रशासन, पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की त्रिस्तरीय टीम बनाकर के ऐसे हॉस्पिटलों की जांच की जाएगी, ताकि भविष्य में किसी भी मरीज का कोई भी अस्पताल शोषण न कर सके.

रिपोर्ट-डॉ. सिन्धु कुमार मिश्र / गोरखपुर

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