क्या ज्ञानवापी के व्यासजी तहखाने में पूजा पर लगेगी रोक? इलाहाबाद हाई कोर्ट ने फैसला रखा सुरक्षित | Varanasi Gyanvapi Mosque Vyasji Tehkhana Pooja Allahabad hich court Reserves Judgment-stwd


व्यासजी तहखाना में पूजा
वाराणसी के ज्ञानवापी मामले में गुरुवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई हुई. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा-अर्चना की अनुमति दिए जाने के खिलाफ दायर अपील पर सुनवाई की. होई कोर्ट के जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने मुस्लिम पक्ष और हिंदू पक्ष की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. कोर्ट में मंदिर पक्ष का कहना है कि वाराणसी जिला जज के आदेश में कुछ भी गलत नहीं है. 5 मई की सुनवाई में पीठ ने कहा था कि 1993 तक किसका कब्जा था, यह तय हो जाए तो फैसला हो जाएगा.
ज्ञानवापी मस्जिद का प्रबंधन करने वाली अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति ने वाराणसी की अदालत के 31 जनवरी के उस आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में अपील की थी. इसमें हिंदुओं को ज्ञानवापी मस्जिद परिसर में स्थित व्यास जी के तहखाने में पूजा-अर्चना की अनुमति दी गई थी. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने व्यास जी का तहखाना में पूजा की अनुमति देने वाले आदेश के खिलाफ मस्जिद समिति की याचिका पर तत्काल सुनवाई करने से इनकार कर दिया था.
इंतेजामिया समिति ने कोर्ट में दिया ये तर्क
कोर्ट में दायर याचिका में अंजुमन इंतेजामिया मस्जिद समिति का यह रुख रहा कि व्यासजी तहखाना मस्जिद परिसर का हिस्सा होने के नाते उनके कब्जे में था. व्यास परिवार या किसी अन्य को तहखाना के अंदर पूजा करने का कोई अधिकार नहीं है. कोर्ट की सुनवाई में मस्जिद समिति ने यह भी तर्क दिया कि 1993 के बाद से तहखाना में कोई पूजा नहीं हुई है.
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जिला जज ने दी पूजा करने की अनुमति
बता दें कि इसी महीने की शुरुआत में ज्ञानवापी मस्जिद के व्यासजी के तहखाने में देर रात पूजा की गई. व्यासजी के तहखाने में पूजा वाराणसी की जिला कोर्ट का फैसला आने के बाद की गई. जिला जज ने हिंदू पक्ष को व्यास तहखाने में पूजा करने की अनुमति दी थी. जिला प्रशासन को सात दिनों में पूजा-अर्चना की व्यवस्था बहाल करने का आदेश दिया था.