कुशीनगर में किया ‘घपला’, जौनपुर से हो गए बर्खास्त; कौन हैं ADM गणेश प्रसाद सिंह?


गणेश प्रसाद सिंह इस समय जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी के पद पर तैनात हैं.
भ्रष्टाचार को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ काफी सख्त हैं. समय-समय पर उनकी सख्ती का असर भी देखने को मिलता है. इस बार उनकी सख्ती के लपेटे में PCS अधिकारी आए हैं. योगी सरकार ने ADM गणेश प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया है, जबकि दो PCS अधिकारी ADM आशीष कुमार और ADM मदन कुमार को सस्पेंड करते हुए राजस्व परिषद से संबद्ध कर दिया है. सरकार की इस कार्रवाई से PCS अफसरों में हड़कंप मचा हुआ है.
दरअसल, बर्खास्त किए गए सीनियर PCS अधिकारी गणेश प्रसाद जौनपुर में मुख्य राजस्व अधिकारी के पद पर तैनात हैं. गणेश प्रसाद सिंह पर आरोप है कि कुशीनगर में तैनाती के दौरान ग्राम समाज की जमीन नियमों के विपरीत जाकर पट्टा दिया था. जब मामले की जानकारी शासन को हुई तो इस संबंध में कुशीनगर जिलाधिकारी से पूरे मामले में जांच करा कर रिपोर्ट मांगी थी.
कुशीनगर DM की जांच में मिली गड़बड़ी
इस मामले में डीएम कुशीनगर ने जांच कराई तो गड़बड़ी की पुष्टि हुई. पुष्टि होने के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को कार्रवाई के लिए प्रस्ताव भेजा गया था. मुख्यमंत्री के निर्देश पर ADM गणेश प्रसाद सिंह बर्खास्त कर दिया गया. इसके अलावा बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे और बरेली रिंग रोड निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में हुए घोटाले में दो PCS अधिकारी आशीष कुमार और मदन कुमार को निलंबित कर दिया गया.
2 और ADM भी हुए सस्पेंड
आशीष कुमार इस समय बरेली में ADM भू/अध्यापित और मदन कुमार मऊ के मुख्य राजस्व अधिकारी के पद पर तैनात हैं. दोनों अधिकारियों पर बरेली तैनाती के दौरान भूमि घोटाले में शामिल होने का आरोप है. निलंबित दोनों अधिकारियों राजस्व परिषद से संबंध कर दिया गया. इन दोनों की निलंबन से पहले बरेली-पीलीभीत-सितारगंज हाईवे व बरेली रिंग रोड निर्माण के भूमि घोटाले में तीन PCS अधिकारी सहित 17 पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को निलंबित किया गया है. भूमि अधिग्रहण में करीब 200 करोड़ से ज्यादा के घोटाले का मामला सामने आ चुका है.
2 महिला अधिकारी भी हुईं थी सस्पेंड
इससे पहले सरकार ने हरदोई जिले में नियम विरुद्ध अपात्रों को जमीन का पट्टा देने के मामले में दो पीसीएस अधिकारियों को निलंबित कर किया था. इनमें एडीएम न्यायिक फर्रुखाबाद स्वाति शुक्ला और एसडीएम एटा प्रतीत त्रिपाठी शामिल थीं. इन दोनों महिला अधिकारियों पर आरोप था कि इन्होंने हरदोई में तैनाती के दौरान नियम विरुद्ध 71 अपात्रों को कृषि भूमि का पट्टा दे दिया था.