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किस दिन कौन से रंग की पोशाक पहनेंगे रामलला? अयोध्या के दर्जी शंकर लाल ने बताया | ayodhya ram mandir which color dress will ramlala wear on which day tailor shankar lal told stwas

किस दिन कौन से रंग की पोशाक पहनेंगे रामलला? अयोध्या के दर्जी शंकर लाल ने बताया

रामलला के कपड़े तैयार करने वाले दर्जी से टीवी9 ने खास बातचीत की.

भगवान रामलाल के बाल सुलभ प्रतिमा को जिस किसी ने भी देखा है, उसने सिर्फ इतना ही कहा है कि अद्भुत है. प्रतिमा का चयन हो गया है और इसके लिए वस्त्र तैयार किया जा रहा है. जाहिर है, वस्त्र तैयार करने के लिए प्रतिमा के साथ लंबाई, ऊंचाई और चौड़ाई इन सभी का मेजरमेंट लेना जरूरी है. श्रीराम जनमभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने जिस टेलर मास्टर को इसका जिम्मा दिया गया, उनको मूर्ति दिखाई गई है. टेलर मास्टर बाबूलाल टेलर्स ने टीवी9 भारतवर्ष से खास बातचीत में कहा कि ऐसी अद्भुत प्रतिमा आज तक उन्होंने कभी कल्पना में भी नहीं देखी थी.

यह खास वस्त्र 51 इंच की रामलला की मूर्ति के लिए तैयार हो रहा है. जिस दिन भगवान की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा, उसी दिन वस्त्र पहनाया जाएगा. रामलला के दो तरह के वस्त्र होते हैं. पहला वस्त्र वह वस्त्र होता है, जिसे हम उत्सव वस्त्र कहते हैं. यह वह वस्त्र होता है, जो उत्सव के दिन तैयार किया जाता है. दूसरा वस्त्र वह होता है, जो प्रतिदिन भगवान पहनते हैं. भगवान के लिए रंग के हिसाब से और दिन के हिसाब से वस्त्रों का चयन किया जा रहा है. जिस वस्त्र को पहनाया जाएगा, उसके लिए अयोध्या के बाबूलाल टेलर्स को इस बात के लिए बोला गया है कि ठाकुर जी के लिए वह वस्त्र तैयार करें.

बाबूलाल के साथ दुकान पर काम करने वाले उनके बेटे शंकर लाल बताते हैं कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने उन्हें बुलाया और उन्हें मूर्ति दिखाई. दरअसल, मूर्ति उन्हें इसलिए दिखाई गई, ताकि मूर्ति की वह नाप ले सकें. अभी तक जिस मूर्ति के लिए वह वस्त्र बनाते आए हैं, उसकी लंबाई कुछ और थी. शंकर लाल ने कहा कि मूर्ति की लंबाई, चौड़ाई और ऊंचाई कुछ और हो चुकी है. इसको ध्यान में रखते हुए उनको बुलाया गया और उन्होंने मूर्ति का पूरा मेजरमेंट लिया.

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अद्भुत है भगवान की मूर्ति

शंकर लाल ने कहा कि जब उन्होंने पहली बार मूर्ति को देखा तो देखने के बाद ऐसा लगा कि मूर्ति बोल पड़ेगी. इतनी जीवंत मूर्ति उन्होंने अभी तक कभी नहीं देखी है. थोड़ा मुश्किल जरूर है, लेकिन उनकी पीढ़ियां भगवान की मूर्ति के लिए कपड़े बनाती आ रही हैं. इसलिए उन्हें इस बात की उम्मीद है कि इस बार भी वह भगवान का वस्त्र अच्छे तरीके से तैयार कर पाएंगे.

ठंड को ध्यान में रखते हुए कपड़े तैयार किया जा रहे

शंकर लाल ने बताया कि अभी चूंकी ठंड का मौसम है, उसको ध्यान में रखते हुए भगवान के लिए विशेष मखमल के कपड़े तैयार किया जा रहे हैं. दरअसल, अभी काफी ठंड है और यह ठंड आने वाले दिनों में और बढ़ेगी. जिस वक्त प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम होगा, उस वक्त ठंड काफी ज्यादा होगी. उसको ध्यान में रखते हुए सात रंगों के अलग-अलग मखमल के कपड़े तैयार किया जा रहे हैं, जिससे कि भगवान को किसी भी तरीके की ठंड न लगे.

ट्रस्ट यदि हीरे-जवाहरात देगा तो वह भी हम कपड़े में लगाएंगे

शंकर लाल ने बताया कि जब राम जन्मभूमि का भूमि पूजन हो रहा था, उस वक्त भी भगवान के लिए कपड़े उन्होंने ही तैयार करके भेजे थे. उन कपड़ों में रत्न जड़ित किया गया था. दरअसल, यह रत्न किसी और के द्वारा नहीं बल्कि श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से उन्हें दिया गया था. उनका साफ कहना है कि यदि इस बार भी श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से हीरे-जजवाहरात या कुछ भी दिए जाते हैं तो उनको वस्त्र में वह अंगीकार करेंगे, जिससे कि भगवान का वस्त्र सबसे अलग और सबसे बढ़िया हो.

पीला वस्त्र होगा भगवान का

वैसे तो प्राण प्रतिष्ठा के दिन पीला वस्त्र धारण किया जाता है, लेकिन चूंकी जिस दिन प्राण प्रतिष्ठा है, उस दिन के हिसाब से वह दिन है सोमवार और सोमवार के लिहाज से सफेद रंग के वस्त्र का एक अपना अलग महत्व है. इसको ध्यान में रखते हुए वस्त्र का चयन कुछ इस तरीके से किया जा रहा है, जिसमें सफेद और पीला दोनों का सम्मिश्रण हो. शंकर लाल बताते हैं कि भगवान के लिए इसी तरह के वस्त्र का चयन किया जा रहा है.

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